नोएडा सेक्टर-93-ए में सुपर टेक कंपनी के दो अवैध टावर को 28 अगस्त को दोपहर ढाई बजे विस्फोट से ढहा दिया गया। ये दोनों टावर दिल्ली की कुतुबमीनार से भी ऊंचे और भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े थे। इस पूरी प्रक्रिया में 12 सेकंड लगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। टावर गिराने के लिए जेट डेमोलिशन, एडफिस इंजीनियरिंग और सीबीआरआई की टीम ने 28 अगस्त को टावर के अंदर विस्फोटक से जुड़े वायर की जांच और ‘ट्रिगर’ दबाए जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया था। नोएडा प्राधिकरण और पुलिस ने आसपास की व्यवस्था को पहले ही दुरुस्त कर लिया था।
सेक्टर-93-ए में बने 103 मीटर ऊंचे (32 मंजिला) एपेक्स और 97 मीटर ऊंचे (29 मंजिला) सियान टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम विस्फोटक अलग-अलग फ्लोर पर लगाया गया था। सुरक्षा कारणों से एमराल्ड कोर्ट और आसपास की सोसायटी के फ्लैट्स खाली करा लिए गए थे। इसके अलावा करीब तीन हजार वाहनों और 200 पालतू पशुओं को भी बाहर कर दिया गया था।
#WATCH | Once taller than Qutub Minar, Noida Supertech twin towers, reduced to rubble pic.twitter.com/vlTgt4D4a3
— ANI (@ANI) August 28, 2022
ध्वस्तीकरण क्षेत्र के आसपास के 500 मीटर इलाके को निषेध क्षेत्र घोषित किया गया था। यहां केवल छह लोग ब्लास्ट साइट से 100 मीटर की दूरी पर थे। इनमें तीन दक्षिण अफ्रीकी ब्रिंकमैन, मार्टिंस, केविन स्मिथ शामिल हैं। इनके अलावा साइट इंचार्ज मयूर मेहता, इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता और एक पुलिस अधिकारी वहां मौजूद थे। एडफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के मुताबिक पुलिस की मंजूरी मिलने पर दोपहर ढाई बजे ‘ट्रिगर’ दबाया गया।
पुलिसकर्मी, पीएसी और एनडीआरएफ के जवान तैनात
डीसीपी (सेंट्रल) राजेश एस ने बताया कि करीब 400 पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी तैनात थे। नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि छह एंबुलेंस मौके पर थीं और जिला अस्पताल के साथ फैलिक्स और यथार्थ अस्पताल में भी बिस्तर आरक्षित किए गए थे।
60 हजार टन से अधिक निकलेगा मलबा
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के मुताबिक करीब 60 हजार टन मलबा दोनों टावर से निकलेगा। इसमें से करीब 35 हजार टन मलबे का निस्तारण कराया जाएगा। ध्वस्तीकरण के बाद उठने वाली धूल को साफ करने के लिए कर्मचारी, स्वीपिंग मशीन, एंटी स्माग गन और पानी छिड़कने की मशीन के साथ वहां मौजूद हैं।
आसपास की इमारतें कराई गईं खाली
एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के 1396 फ्लैट्स में रह रहे करीब 7000 लोगों में से 90 प्रतिशत ने 27 अगस्त की शाम अपने घर खाली कर दिए। ये लोग कहीं और चले गए। बाकी लोगों ने 28 अगस्त की सुबह सात बजे तक फ्लैट खाली कर दिए। ये सभी आज शाम पांच बजे क्लीयरेंस मिलने पर अपने फ्लैट्स में लौट पाएंगे।
वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक का इस्तेमाल
ट्विन टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक के जरिए किया गया। यह तकनीक दोनों टावर को कुछ ही सेकेंड में ताश के पत्तों की गिरा देती है। वाटरफॉल तकनीक का मतलब है कि मलबा पानी की तरह गिर गया। यह तकनीक इनको ढहाने के बाद इतिहास में दर्ज हो गई।
नॉटिकल मील तक बंद रहेगा एयर स्पेस
नोएडा प्राधिकरण ने इस बारे में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसमें एक अहम एयर स्पेस को लेकर है। टावरों के आसपास एक नॉटिकल मील (समुद्री मील) का हवाई क्षेत्र विमानों के लिए बंद है। एक नॉटिकल मील लगभग 1.8 किलोमीटर के बराबर होता है।