NIA: राजौरी हमले के आरोपियों पर एनआईए ने कसा शिकंजा, लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकियों पर चार्जशीट दाखिल

आतंकवादियों ने कुछ घरों में गोलियां चलाईं थी। इसमें दो भाई समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके एक दिन बाद ही एलईडी ब्लास्ट में दो बच्चियों की मौत हो गई थी। एनआई के मुताबिक इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के तीन हैंडलर साजिद जट्ट उर्फ हबीबउल्ला उर्फ लंगड़ा उर्फ नौमी उर्फ मोहम्मद कासिम और अबू-कतल उर्फ कतल-सिंधी की पहचान हुुई थी।

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NIA: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआईए) ने राजौरी हमले (Rajouri attack) में शामिल पाक स्थित लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के 3 हैंडलर सहित 5 के खिलाफ 26 फरवरी (सोमवार) को आरोपपत्र दायर (charge sheet filed) कर दिया। उल्लेखनीय है कि 1 जनवरी को राजौरी के डांगरी गांव में आतंकियों (terrorists) के हमले में सात लोग मारे गए थे।

वहीं 14 घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने कुछ घरों में गोलियां चलाईं थी। इसमें दो भाई समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। इसके एक दिन बाद ही एलईडी ब्लास्ट में दो बच्चियों की मौत हो गई थी। एनआई के मुताबिक इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के तीन हैंडलर साजिद जट्ट उर्फ हबीबउल्ला उर्फ लंगड़ा उर्फ नौमी उर्फ मोहम्मद कासिम और अबू-कतल उर्फ कतल-सिंधी की पहचान हुुई थी।

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जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने का आरोप 
अबू-कतल और साजिद जट्ट पाकिस्तानी नागरिक है, कासिम 2002 में पाकिस्तान से आकर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था। ये पाकिस्तान से आतंकवादियों की घुसपैठ जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए कर रहे थे। इसी दौरान अबू-कतल पूंछ राजौरी में सक्रिय हुआ था। एनआई के मुताबिक अन्य जिन दो के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है उसमें निसार अहमद उर्फ हाजी निसार, मुस्ताक हुसैन उर्फ चाचा का नाम आरोप पत्र शामिल है। वे दोनों पूंछ जिला के महेंद्र तहसील के गांव मोहरा गुरसाई के रहनेवाले हैं।

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आतंकवादियों को रहने था इंतजाम
इन दोनों को एनआईए ने जांच पड़ताल के दौरान पकड़ा है। एनआईए ने जांच दौरान के पाया कि साजिद जट्ट मुख्य कमांडर है और मुख्य षड्यंत्रकारी था जिसका मुख्य सहयोगी मोहम्मद कासिम रहा है। डांगरी गांव की घटना के तीन माह तक निसार अहमद और मुस्ताक हुसैन एक कम उम्र के बच्चे की मदद से आतंकवादियों को रहने सहने के इंतजाम करने के साथ रसद पानी पहुंचाने काम कर रहे थे। इरशाद को पाकिस्तानी आतंकवादी तक एक बार आर्म्स पहुंचाने की भी जिम्मेदारी दी गई थी। ये सभी साजिद जट्ट के दिशा निर्देश पर काम कर रहे थे।

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