भारत ने तोड़ा यूके से संपर्क!

फिलहाल ब्रिटेन में नये वेरिंयट के कोरोना वायरस मिलने के बाद विश्व भर के वैज्ञानिक शोध में जुट गए हैं। वे इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इसका नाम वीयूआई (VUI)-202012/01 नाम दिया है। वहीं प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आशंका जताई है कि वायरस का नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

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क्रिसमस से ठीक पहले ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नये वेरिएंट मिलने से पूरी दुनिया के साथ ही भारत में भी हड़कंप मच गया है। इसके बाद एहतियात के तौर पर कई देशों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत में भी इसे लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं। इस बीच कई देशों के साथ ही भारत ने भी यूके से विमान सेवा पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने एहतियात के तौर पर 22 से 31 दिसंबर तक यूके से आने और इंडिया से जानेवाले विमानों पर रोक लगा दी है।

कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर चिंता जताई है। उन्होंने ट्विट करते हुए यूके को सुपर स्प्रेडर बताया है।

केजरीवाल के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी वायरस के नये वेरिएंट को लेकर अपनी चिता जताई है।

वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी इसे गंभीरता से लेने की जरुरत बताई है। उन्होंने यूके से विमान सेवा बंद करने की मांग करते हुए ट्विट किया।

भारत के केंद्रीय स्वाथ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार इस मामले में अलर्ट है और घबराने की कोई जरुरत नहीं है।

इन देशों से ब्रिटेन से विमान सेवा पर लगाई रोक
इस बीच सऊदी अरब, फ्रांस,जर्मनी, इटली,आयरलैंड,केनाडा, तुर्की,इजरायल, ईरान, नीदलैंड, बेल्जियम,ऑस्ट्रिया , स्वीडेन ने यूक की विमान सेवा पर रोक लगा दी है।

पता लगाने में जुटे वैज्ञानिक
फिलहाल ब्रिटेन में नये वेरिंयट के कोरोना वायरस मिलने के बाद विश्व भर के वैज्ञानिक शोध में जुट गए हैं। वे इसे समझने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इसका नाम वीयूआई (VUI)-202012/01 नाम दिया है। वहीं प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आशंका जताई है कि वायरस का नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसलिए उन्होंने लॉकडाउन के चलते लोगों को क्रिसमस मनाने की छूट नहीं दी है।

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वायरस का म्यूटेशन सामान्य प्रक्रिया
किसी भी वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है। ज्यादातर वेरिएंट खुद ही म्यूटेट होने से मर जाते हैं। लेकिन कभी-कभी वायरस म्यूटेट होने के बाद ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। ये प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि वैज्ञानिकों को भी समझने और शोध करने का समय नही मिल पाता। तबतक वायरस एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले लेता है। जैसा कि ब्रिटेन समेत कई देशों में दिख रहा है।

क्या कहते हैं विषेषज्ञ?
दिल्ली एम्स में कोरोना सेंटर के हेड डॉ. राजेश मल्होत्रा ने बताया कि जब से कोरोना वायरस आया है, तब से वो चार हजार बार म्यूटेट कर चुका है। हालांकि ये देखना होगा कि ब्रिटेन में बढ़ते हुए कोरोना के केसों का असल कारण क्या सच में वायरस की नई स्ट्रेन है या फिर कुछ और। फिलहाल इस पर रिसर्च की जरुरत है।

वैक्सीन कम असरदार
सवाल यह भी है कि क्या कोरोना वायरस की वैक्सीन नये वेरिंएंट पर उतना ही प्रभावी होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कोरोना का नया वेरिएंट आता है तो वैक्सीन कम असरदार हो सकती है।

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