दिल्ली में आग ही आग! जानिये, डेढ़ महीने में कितनी जगहों पर लगी आग और कितनों ने गंवाई जान

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राजधानी में आग लगने की घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। बीते डेढ़ माह के भीतर आग एवं अन्य घटनाओं में 116 लोगों की मौत हो गई। जबकि 297 लोग घायल हो गई। दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि एक अप्रैल से 19 मई तक 42 लोगों की आग लगने की घटनाओं में मौत हुई।

जबकि 117 लोग घायल हो गये। वही वर्ष 2019 में 18 लोगों की मौत, जबकि 156 घायल हुए थे। वर्ष 2020 की बात करे तो 10 लोगों की आग की घटनाओं में मौत हुई और 71 लोग घायल हुए थे। इसी क्रम में वर्ष 2021 में 41 लोगों की आग की घटनाओं में मौत हुई जबकि 113 लोग घायल हुए थे। वहीं इस वर्ष एक अप्रैल से 19 मई तक छह हजार 286 आग एवं अन्य घटनाओं की कॉल दमकल को मिली।

हाल-फिलहाल की आग की घटनाएं

13 मई:–दिल्ली के मुंडका इलाके में एक इमारत में भीषण आग लग गई,जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई।

14 मई: नरेला इलाके में प्लास्टिक का दाना बनाने वाली फैक्टरी में भीषण आग लगी। दमकल की 22 गाडि़यों को मौके पर भेजा गया ।कोई हताहत नहीं।

17 मई:– दिल्ली के अशोक विहार के जीटी करनाल रोड स्थित अटलांटिस बैंक्वेट हॉल में आग लग गई एक की मौत।

19 मई:– दिल्ली के बवाना इलाके में सुबह एक थिनर फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। 17 गाड़ियां आग बुझाने में जुटी

19 मई:– दिल्ली के बवाना इलाके में शाम के समय फोइल पेपर में आग लगी, जिसमें पांच लोग घायल हो गये।

19 मई:– दिल्ली के न्यू मुस्तफाबाद इलाके में एक फैक्टरी में धमाके के बाद भीषण आग लगी। एक की मौत, छह गंभीर रूप से घायल।

क्या कहता है दमकल विभाग?
दमकल विभाग के अनुसार, गर्मी के दिनों में आग की घटनाएं अधिकांश बढ़ जाती है। आंकड़ों के मुताबिक रोजाना औसतन 75 कॉल दिल्ली दमकल विभाग को मिलती है। वहीं पिछले साल के मुकाबले कॉल की संख्या भी 1634 ज्यादा है। दमकल विभाग के अनुसार, एक अप्रैल से 19 मई तक दमकल विभाग को करीब छह हजार 286 आग की कॉल मिली। वहीं इसी समय के अंतराल में 116 लोगों की जान चली गई, जबकि 297 लोग घायल हुए।

वहीं, दमकल विभाग द्वारा ऐसी आग को बुझाने के लिए कड़ी मेहनत भी की जा रही है। अतुल गर्ग ने बताया कि राजधानी में होने वाली आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए दमकल पूरी तरह से सक्षम है। आवश्यकता नहीं पड़ी है।

गर्मी के साथ आग की घटना में तेजी
गर्मी बढ़ने के साथ आग लगने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है, लेकिन ऐसा प्रत्येक वर्ष होता है। इसके लिए दमकल सर्दियों के मौसम से ही तैयारी शुरू करता है। फिलहाल दिल्ली में कुल 64 दमकल केन्द्र हैं, जहां दमकल की 200 गाड़ियां है। वहीं कुल दमकल कर्मचारियों की संख्या करीब दो हजार 700 है।

दमकल विभाग की रहती है पूरी तैयारी
निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि गाड़ियों की सर्विसिंग से लेकर आग बुझाने में इस्तेमाल होने वाले सारे उपकरण वह उस समय खरीद लेते हैं। उस समय आग लगने की घटनाएं काफी कम होती हैं। इस वजह से गर्मियों की आग से निपटने के लिए दमकल को तैयारी करने का पूरा मौका मिलता है। हाल ही में 500 कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट पर रखे गए हैं ताकि कर्मचारियों की कमी न हो। इसके साथ ही गर्मी के समय में कर्मचारियों की छुट्टी में भी कटौती कर दी जाती है।

आग की सबसे बड़ी वजह शॉर्ट सर्किट
अतुल गर्ग ने बताया कि राजधानी में आग लगने का सबसे बड़ा कारण बिजली से होने वाला शार्ट-सर्किट है। गर्मियों के मौसम में बिजली के उपकरण लगातार चलाने से ऐसे शार्ट-सर्किट होते हैं। हाल ही में सफदरजंग अस्पताल में लगी आग हो या गांधी मार्किट के गोदाम की आग, शार्ट-सर्किट के चलते यह हादसे हुए। लोगों को अपने घर,दुकान, ऑफिस या गोदाम में बिजली के लोड की जांच अवश्य करवानी चाहिए।

यह है दमकल विभाग के पास संसाधन

-दमकल विभाग के पास फिलहाल लगभग 3000 जवान हैं तैनात।

-आग बुझाने के लिए करीब 200 गाड़ियां हैं तैनात।

-64 दमकल केंद्र, इनमें तीन केवल दिन में करते हैं काम

-दो रिमोर्ट कंट्रोल फायर फाइटिंग मशीन (रोबोट)

-पांच लाइफ डिटेक्टर्स के अलावा अन्य उपकरण मौजूद।

-गंभीर आग लगने आग के हालात देखने के लिए ड्रोन।

हर 7 हजार पर एक दमकलकर्मी

क्या कहते हैं आंकड़े?
-आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि दमकल विभाग में करीब 3000 हजार जवान तैनात हैं। जबकि दिल्ली की आबादी करीब दो करोड़ से अधिक है।

-इस हिसाब से औसतन करीब 7 की आबादी पर एक जवान काम कर रहा है। इस साल दमकल विभाग ने 40 रेडियो टेलीफोन ऑपरेटर्स और 21 फायर ऑपरेटर की भर्ती की है। 769 जवानों की भर्ती प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है। इसके अलावा 500 जवानों को आउट सोर्स रखा हुआ है।

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