के-के-के में सिमटा सिद्धू का करियर, जेल में मिला क्लर्की का काम

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू 34 वर्ष पुराने रोड रेज के प्रकरण में कारावास की सजा काट रहे हैं।

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कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का जेल में सश्रम कारावास शुरू हो गया है। जेल में ‘गुरु’ की स्वास्थ्य संबंधी समस्या और हीलाहवाली काम न आई और अब प्रशासन ने काम थमा दिया है। वे अब जेल में क्लर्क का कार्य करेंगे। इस जिम्मेदारी के मिलने से सिद्धू का करियर के-के-के में सिमट गया है।

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह एक वर्ष के सश्रम कारावास को भोगने के लिए पटियाला कारागृह में हैं। उन्हें सजा काटने के दौरान कार्य भी करना है, इसके लिए जेल प्रशासन ने उन्हें फाइलों की देखरेख और लिखाई-पढ़ाई का कार्य सौंपा है। क्लर्क का कार्य करने के पहले सिद्धू का सामना ‘के’ से शुरू होनेवाले अन्य कार्यों से भी पड़ा है। जिनसे उन्होंने अच्छा नाम कमाया, लेकिन राजनीति के अखाड़े में पारी खेलते हुए उन्हें ऐसा झटका लगा कि अब करियर कहां जाएगा, यह समय ही बताएगा।

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ये हैं सिद्धू के जीवन के …के-के-के फैक्टर
नवजोत सिंह सिद्धू ने 1981 में क्रिकेट (के) करियर की शुरुआत की थी। 18 वर्षों तक खेले, जिसमें 51 टेस्ट मैच, 100 से अधिक एक दिवसीय मैच का समावेश है। अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने सात हजार रन बनाए हैं।

क्रिकेट से संन्यास लेने के उपरान्त नवजोत सिंह सिद्धू ने वर्ष 2001 में कमेन्टेटर (के) के रूप में नई पारी की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कई निजी क्रिकेट चैनलों के लिए कमेंट्री की।

अब नई पारी पटियाला जेल में शुरू हुई है, क्लर्क (के) के रूप में। जो एक वर्ष तक चलेगी।

सिद्धू का करियर बहुआयामी
नवजोत सिंह सिद्धू सदा ही चमक-दमक में रहा। क्रिकेट में आने के बाद उनके साथ जो ख्याति जुड़ी वह समय के साथ बढ़ती गई। क्रिकेटर की पारी समाप्ति के बाद कमेन्टेटर और उसके बाद कॉमेडी शो में जज के रूप ‘ठोको ताली’ कहते हुए दिखे। इस बीच राजनीति में भी कदम रखा तो 2004 में भाजपा के सांसद बन गए। भाजपा से निकले तो परगट सिंह और बैंस के साथ मिलकर आवाज ए पंजाब नामक राजनीतिक मोर्चा बनाया। परंतु, वहां ठनठन रहने के बाद जनवरी 2017 में कांग्रेस का हाथ थाम लिया। वर्ष 2017 में ही उन्होंने अमृतसर से विधान सभा चुनाव लड़ा और जीत गए।

सिद्धू को नहीं मिलेगा वेतन
सिद्धू को बैरक नंबर 10 में रखा गया है। एक समाचार माध्यम ने बताया है कि, जेल अधीक्षक के अनुसार नवजोत सिंह सिद्धू को जेल नियमों के अनुसार अकुशल माना जाएगा। ऐसा लगभग तीन महीने तक रहेगा। इस काल में क्लर्क के रूप में दिये जानेवाले कार्यों की फाइल उनके बैरक नंबर 10 में पहुंचा दी जाएंगी। उन्हें तीन माह के कार्यों का वेतन भी नहीं मिलेगा।

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