एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण: ‘वो’ डॉक्टर भी अब एनआईए के राडार पर

मनसुख हिरेन की हत्या के प्रकरण में एनआईए को अब शव विच्छेदन रिपोर्ट को लेकर शंका है। क्या उसमें छेड़छाड़ की गई है इस दृष्टिकोण से जांच की जा रही है।

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एंटीलिया विस्फोटक प्रकरण में अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के राडार पर वह डॉक्टर है जिन्होंने एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन का शव विच्छेदन किया था। उन डॉक्टरों ने ही मनसुख के शव का डायटॉम रिपोर्ट बनाया था। जिसमें मौत का कारण पानी में डूबना बताया गया था।

मनसुख हिरेन का शव 5 मार्च को ठाणे के रेती बंदर से बरामद हुआ था। यह घटना मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने खड़ी एसयूवी में जिलेटिन विस्फोटक मिलने के आठ दिन बाद हुई थी। इस प्रकरण में एंटीलिया के सामने लावारिस स्थिति में खड़ी की गई एसयूवी में 20 जिलेटिन छड़ें बरामद हुई थीं। इसमें से एक पत्र भी बरामद हुआ था जिसमें आतंकी संगठन का उल्लेख था।

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ऐसे मिला शव
मनसुख हिरेन कार के सजावटी सामानों के विक्रेता थे और ठाणे के विकास पाम कॉम्प्लेक्स में रहते थे। मनसुख एक दिन घर से कहकर निकले थे कि कुछ समय में आते हैं और अचानक गायब हो गए। इसके बाद उनका शव मुंब्रा-कलवा के बीच ठाणे के रेती बंदर से पाया गया। उनके मुंह पर कोविड 19 मास्क लगा हुआ था, उसके अंदर चार-पांच रुमाल ठूंस कर रखी गई थी।

ठाणे के अस्पताल में हुए शव विच्छेदन
मनसुख हिरेन के शव की ठाणे के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में शिव विच्छेदन किया गया था। इसमें डायटम परीक्षण किया गया था। जिसका परिणाम पॉजिटिव आया था। इसके आधार पर डॉक्टरों ने मनसुख की मौत पानी में डूबने के कारण बताया था। परंतु, परिवार ने उसी समय इसे एक सिरे से नकार दिया था। परिवार ने बताया कि मनसुख एक अच्छे तैराक थे।

एनआईए की शंका
नेशनल इन्वेस्टिगेन एजेंसी के अनुसार मनसुख हिरेन की 4 मार्च को हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनके शव को मुंब्रा की खाड़ी में फेंका गया था। यह हत्या पानी के बाहर की गई थी, तब डॉयटम रिपोर्ट क्यों निकाली गई इस शंका के आधार पर अब एनआईए उन डॉक्टरों के अपने राडार पर रखे हुए है। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने इस दिशा में जांच भी शुरू कर दी है।

सूत्रों के अनुसार एनआईए ने मनसुख हिरेन के शव से लिए गए सैंपल को हरियाणा की प्रयोगशाला में भेजा है। जहां की रिपोर्ट से भी अब मौत के कारणों की सच्चाई पता चलेगी।

किसने की मनसुख की हत्या
एनआईए ने प्रदीप शर्मा, मनीष सोनी और सतीश को गुरुवार के गिरफ्तार किया था। इन तीनों को न्यायालय में पेश किया गया था। मनीष और सतीश की पहचान प्रदीप शर्मा के पंटर के रूप में होती है। एनआईए के अनुसार मनसुख हिरेन की हत्या विनायक शिंदे, मनीष और सतीश ने की थी। ये तीनों मनसुख को कार में ले गए और वहीं से शव को रेती बंदर की खाड़ी में फेंक दिया। जानकारी के अनुसार कार की जांच में डीएनए प्राप्त हुए हैं। जो इस प्रकरण में साक्ष्य के रूप में काम आएंगे।

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डायटॉम रिपोर्ट क्या है
पानी में डूबने से मौत होने पर शव का डायटॉम रिपोर्ट निकाला जाता है। इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति की मृत्यु पानी में डूबने से हुई थी या उसे मारकर पानी में डाला गया था। इस जांच के अंतर्गत मृत व्यक्ति के शरीर में मिले पानी और जिस पानी से शव बरामद हुआ उसका मिलान किया जाता है। यदि दोनों ही नमूने एक जैसे होते हैं तो रिपोर्ट को पॉजिटिव कहा जाता है।

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