Maharashtra News: हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर महाराष्ट्र सरकार भी गंभीर, मुख्यमंत्री शिंदे ने दिए जांच के आदेश

महाराष्ट्र में बांटे गए 'हलाल प्रमाणित उत्पादों' को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गंभीरता से लिया है।

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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में बांटे गए ‘हलाल प्रमाणित उत्पादों’ (Halal Certified Products) को गंभीरता से लिया है। सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे (Shiv Sena MLA Manisha Kayande) द्वारा पत्र के जरिए की गई मांग पर बोल रहे थे। हिंदू जनजागृति समिति (Hindu Janajagruti Samiti) के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे (Ramesh Shinde) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मुख्यमंत्री ने मामले की तत्काल जांच के आदेश दिये हैं।

भारत में हलाल प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं है
मुख्यमंत्री ने हलाल सर्टिफिकेट के मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह बात मेरे कानों में पड़ी है और मूलतः क्या भारत में हलाल सर्टिफिकेट की जरूरत है? ये सारा मामला गंभीर है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया है कि सरकार इसकी गहन जांच कर उचित कार्रवाई करेगी।

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मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश
शिवसेना विधायक डॉ. मनीषा कायंदे, विधायक सर्वश्री भरतशेठ गोगवले, प्रताप सरनाईक, संतोष बांगर, बालाजी कल्याणकर और प्रकाश सुर्वे ने नागपुर के विधान भवन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है। इस समय अवैध तरीके के हलाल सर्टिफिकेट के बारे में सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और अधिकारियों को फोन पर मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया।

इस अवसर पर हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र प्रांत संयोजक सुनील घनवत, समिति के नागपुर संयोजक अभिजीत पोलके और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। शीतकालीन सत्र की पृष्ठभूमि में हिंदू जनजागृति समिति की ओर से विधायक डॉ. मनीषा कायंदे को अवैध हलाल प्रमाणीकरण के बारे में विस्तृत जानकारी और ‘हलाल जिहाद?’ पुस्तक उपहार में दी गई। विधायकों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसकी मांग की।

महाराष्ट्र में भी हलाल प्रमाणित उत्पाद
इस अवसर पर कायंदे ने मुख्यमंत्री को महाराष्ट्र के कुछ हलाल प्रमाणित उत्पाद दिखाए और कहा, ‘डेयरी उत्पाद, चीनी, बेकरी उत्पाद, नमक, रेडी-टू-ईट, खाद्य तेल, दवाएं, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन कानूनी रूप से आवश्यक हैं।’ सरकारी नियमों में उत्पादों की पैकेजिंग पर हलाल प्रमाणित अंकित है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और संबंधित नियमों में हलाल प्रमाणीकरण का कोई प्रावधान नहीं है और न ही है। ऐसी स्थिति में यह एक दंडनीय अपराध है, यदि कोई तथ्य है हलाल प्रमाणीकरण से संबंधित किसी भी दवा, चिकित्सा उपकरण या कॉस्मेटिक की पैकेजिंग पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख किया गया है। भोजन के संबंध में लागू कानूनों और विनियमों के अनुसार, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण को खाद्य मानकों को निर्धारित करने का अधिकार है। जिसके आधार पर भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है।

हलाल के कारण भोजन की गुणवत्ता को लेकर भ्रम
हलाल प्रमाणीकरण एक समानांतर प्रणाली है जो भोजन की गुणवत्ता के बारे में भ्रम पैदा करके सरकारी नियमों का उल्लंघन करती है। महाराष्ट्र समेत देशभर में हलाल इंडिया प्रा. लिमिटेड’, ‘हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्रा. लिमिटेड’, ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट मुंबई’, ‘जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र’ आदि द्वारा अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट बांटे जाते हैं। साथ ही इस पैसे का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिदीन, इस्लामिक स्टेट और अन्य आतंकवादी संगठनों के लगभग 700 आरोपियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है।

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