अतीक के गुर्गे फहद को राहत नहीं, इस टिप्पणी के साथ जमानत की याचिका खारिज

कोर्ट ने कहा कि याची नौ आपराधिक केस में लिप्त है। अद्यतन अपराधी है।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाहुबली अतीक अहमद माफिया सिंडीकेट के सक्रिय सदस्य फहद उर्फ वसीउर्रहमान को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि याची नौ आपराधिक केस में लिप्त है। अद्यतन अपराधी है। अपराध के गम्भीर आरोप है। ऐसा कोई ठोस आधार नहीं कि वह जमानत पर छूटने के बाद अपराध नहीं करेगा। कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने फहद की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। वह 01 जनवरी 22 से जेल में बंद है।

यह है पूरा मामला
मालूम हो कि 31 दिसम्बर 2021 को करेली थाना क्षेत्र प्रयागराज में बाहुबली अतीक अहमद का बेटा अली अहमद हथियार से लैस अपने बीस साथियों के साथ तीन वाहनों में आकर शिकायत कर्ता के घर को घेर लिया। अली अहमद ने शिकायतकर्ता के सिर पर पिस्टल लगा दी और कहा उसके पिता अतीक अहमद से बात करें। उससे पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी या कीमती जमीन अतीक की बीबी के नाम बैनामा करने का दबाव डाला। इंकार करने पर मारपीट की और कहा कि पूरे परिवार को मार देंगे। शोर सुनकर आसपास के लोगों के जमा होने पर धमकाते हुए चले गए। शिकायतकर्ता का कार्यालय जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया। जिसकी करेली थाने में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। याची का कहना था कि शिकायतकर्ता को कोई चोट नहीं लगी है। उसे फंसाया गया है। वह निर्दोष है।

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