भारत-आस्ट्रेलिया ने क्वाड एजेंडे को विस्तार देने पर किया विचार-विमर्श, भारत ने उठाया कनाडा में चरमपंथी गतिविधियों का मुद्दा

आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में जयशंकर ने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा में उग्रवाद और कट्टरतावादी गुटों को गतिविधि चलाने की छूट नहीं दी जाए।

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भारत (India) और आस्ट्रेलिया (Australia) ने विदेश (Foreign Affairs) और रक्षा मंत्रियों (Defense Ministers) की टू प्लस टू वार्ता (Two Plus Two Talks) प्रक्रिया के अंतर्गत द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral Relations) को क्वाड सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर व्यापक विचार-विमर्श किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S Jaishankar) ने वार्ता को सार्थक बताया और कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-आस्ट्रेलिया-अमेरिका और जापान की भागीदारी वाले मंच क्वाड को अधिक मजबूत बनाने के उपायों पर विचार किया। बैठक में विदेश मंत्री ने कनाडा (Canada) के साथ जारी कूटनीतिक टकराव के बारे में भारत का पक्ष रखा।

उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया के भारत और कनाडा दोनों के साथ अच्छे सम्बंध हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने उनआस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में जयशंकर ने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा में उग्रवाद और कट्टरतावादी गुटों को गतिविधि चलाने की छूट नहीं दी जाए।के पक्ष को ध्यान के साथ सुना होगा।

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मेहमान विदेश मंत्री ने कहा कि वे जयशंकर की बात को ध्यान से सुनती हैं। हालांकि कनाडा के सबंध में उन्होंने अपने देश के पुराने रवैये का हवाला दिया।

जयशंकर ने कहा कि क्वाड में हाल के वर्षों में बहुत प्रगति की है। विभिन्न क्षेत्रों में क्वाड सदस्य देश सहयोग कर रहे हैं। साथ ही सहयोग के नए क्षेत्रों की तलाश की जा रही है। बैठक में दोनों देशों ने उन मुद्दों पर चर्चा की, जिन्हें क्वाड एजेंडे में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के प्रारंभ में क्वाड शिखरवार्ता का आयोजन प्रस्तावित है।

प्रशांत क्षेत्र में चीन की नौसेना को लेकर आस्ट्रेलिया की चिंता के बारे में पूछे जाने पर पेनी वोंग ने कहा कि चीन के साथ हम निरंतर संपर्क में हैं। जहां संभव है, वहां हम चीन के साथ सहयोग करेंगे और जहां राष्ट्रीय हितों का प्रश्न होगा, वहां अपनी असहमति व्यक्त करेंगे।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत की नीति को दोहराते हुए कहा कि भारत और आस्ट्रेलिया इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में स्वतंत्र नौवहन का समर्थन करते हैं। साथ ही क्षेत्रीय अखंडता को ध्यान में रखते हुए संपर्क सुविधाओं के विस्तार और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

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