सर्वोच्च न्यायालय में भड़काऊ भाषण मामले में जितेन्द्र त्यागी की जमानत पर टली सुनवाई, अब इस तिथि को होगा फैसला

26 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को उत्तराखंड के रुड़की में होने वाले धर्म संसद के लिए राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा।

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सर्वोच्च न्यायालय में धर्म संसद में भड़काऊ भाषण के आरोपित वसीम रिजवी उर्फ जितेन्द्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। 28 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करने वाली बेंच के सदस्य जस्टिस संजीव खन्ना के उपलब्ध न होने के चलते मामले की सुनवाई टाल दी गई।

 भड़काऊ भाषण देने का आरोप
दरअसल, 17 से 19 नवंबर को हरिद्वार में धर्म संसद कार्यक्रम में वसीम रिजवी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। इस मामले में यति नरसिंहानंद को भी गिरफ्तार किया गया था। यति को जमानत मिल चुकी है जबकि वसीम रिजवी जेल में ही बंद हैं।

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सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी के बाद धर्म संसद आयोजित
उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को उत्तराखंड के रुड़की में होने वाले धर्म संसद के लिए राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्च अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय की चेतावनी के बाद धर्म संसद आयोजित नहीं हो पाई थी।

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