महाराष्ट्र के बहुचर्चित फोन टेपिंग प्रकरण में अब आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला की परेशानी बढ़ गई है। पुणे के बंड गार्डन पुलिस थाने में एफआईआर पंजीकृत हुई है। यह प्रकरण कांग्रेस नेता की फोन टेपिंग का है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पिछले वर्ष आरोप लगाया था कि, भाजपा शिवसेना सरकार के काल में वर्ष 2016-17 के बीच उनका फोन टेप किया गया था। उन्होंने कहा था कि, ऐसा मादक पदार्थों के तस्कर अमजद खान का फोन समझ कर किया गया था। इसके अलावा नाना पटोले ने दावा किया था कि, भाजपा नेता रावसाहेब दानवे के निजी सचिव, भाजपा के तत्कालीन सांसद संजय काकडे समेत कई राजनीतिक लोगों के फोन टेप किये गए थे। उस समय नाना पटोले ने कहा था कि, मैं 2016-17 में सांसद था, मेरा फोन टेप करने का कोई कारण नहीं था, यह राजनीतिक भविष्य को समाप्त करने का षड्यंत्र है।
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इन आरोपों के बाद गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटील ने घोषणा की थी कि, राज्य सरकार इन आरोपों की जांच कराएगी। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। जिसका नेतृत्व तत्कालीन पुलिस महानिदेशक संजय पाटील कर रहे थे। इस कमेटी में इसके अलावा स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के आयुक्त और स्पेशल ब्रांच के अतिरिक्त आयुक्त सम्मिलित थे।
रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर
कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट के आने के बाद आईपीएस रश्मी शुक्ला के विरुद्ध बंड गार्डन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। जिस काल में फोन टेपिंग की घटनाएं हुई थीं, उस समय रश्मी शुक्ला पुणे शहर की पुलिस आयुक्त थीं।
उच्च न्यायालय में चुनौती
आईपीएस रश्मी शुक्ला के विरुद्ध एसआईडी ने मार्च 2021 में बांद्रा कुर्ला पुलिस थाने में एफआईआर रिपोर्ट पंजीकृत कराई थी। इसमें अज्ञात लोगों के विरुद्ध फोन टेपिंग करने और गुप्त जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया था। जिसके विरुद्ध रश्मी शुक्ला ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है।