‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्माताओं को इसलिए नहीं मिली दिल्ली में जगह

विदेशी मीडिया संस्थानों के दबाव में भारतीय फिल्म निर्माता को प्रेस वार्ता के लिए जगह नहीं मिली।

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फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि विदेश के कुछ मीडिया संस्थान कश्मीर के सच पर आज भी पर्दा डालने में लगे हैं। वे गुरुवार को दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब में एक संवाद कार्यक्रम आयोजित करना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें क्लब में कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी गई। यहां तक उन्हें प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी क्लब में कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी।

अग्निहोत्री ने कहा कि फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब के अध्यक्ष ने उनसे यह कहते हुए कार्यक्रम करने की अनुमति देने से मना कर दिया कि न्यूयॉर्क टाइम्स, अल जजीरा और ब्लूमबर्ग नहीं चाहता कि कश्मीर फाइल्स को लेकर यहां कोई आयोजन हो।

कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर पर्दा डालने में जुटे हैं कुछ विदेशी मीडिया संस्थान : अग्निहोत्री

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उन्होंने कहा कि इस फिल्म को लेकर कुछ मीडिया संस्थान हिन्दू, मुस्लिम करने की भी कोशिश कर रहे हैं, जो की गलत है। यह फिल्म इस्लामोफोबिया नहीं, बल्कि टेररफोबिक फिल्म है। उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी मीडिया ने तो इस फिल्म को पीस ऑफ फिक्शन तक कह डाला, जबकि सच दुनिया के सामने है। फिल्म बनाने से पहले हजारों कश्मीरी पंडितों और वहां के मुस्लिमों से बातचीत की गई। लगभग 700 घंटे का वीडियो शूट किया गया, जिसमें कश्मीरी पंडितों ने अपना दर्द साझा किया। कश्मीर नरसंहार पर अनेकों किताबों का अध्ययन किया गया। उसके बाद इस सच को फिल्माया गया।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस फिल्म को पसंद किया जा रहा है। दुनिया के कई देशों के सिनेमाघरों में फिल्म देखी जा रही है। अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्म ‘द दिल्ली फाइल्स’ पर काम चल रहा है। आने वाले दिनों में इस फिल्म को भी रिलीज किया जाएगा।

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