भारत में किसान आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन में न तो किसान की जान गई, न किसी का खेत छिना और न ही किसी किसान से सरकार ने जोर जबरदस्ती की लेकिन आंदोलनकारियों को बेचारा बतानेवाले विदेशी चेहरे सोशल मीडिया पर संदेश लिखकर भारत विरोधी ट्रेंड चला रहे हैं। इन विदेशी लोगों में प्रधानमंत्री, नेता, गायिका, जलवायु परिवर्तन की कार्यकर्ता शामिल हैं। इसको लेकर अब प्रश्न खड़ा हो रहा है कि ये किसान आंदोलन में आग झोंकनेवाले ‘इन्फ्लुएंसर’ तो नहीं हैं? इसी के दृष्टिगत अब ग्रेटा थंनबर्ग के विरुद्ध मामला भी दर्ज हो गया है।
विदेशों से किसान आंदोलन का समर्थन करनेवाले इन्फ्लुएंसरों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। इसमें पहला मामला अपने आपको जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता बतानेवाली ग्रेटा थंनबर्ग पर दर्ज हुआ है। उन पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने साजिश रचने का मामला दर्ज किया है।
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भारत के विरोध में एक हैशटैग चलाया गया था #FarmersProtest in India जिसका समर्थन ग्रेटा ने किया था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था। हम #FarmersProtest in India के साथ मजबूती से खड़े हैं। एक विदेशी समाचार चैनल की हेडलाइन को शेयर करते हुए ग्रेटा ने ट्वीट किया, यदि आप सहायता करना चाहते हैं तो यह है टूल किट। इस टूल किट पर क्लिक करके एक डॉक्यूमेंट पर लोग पहुंचते हैं।
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
इसमें ग्रेटा थनबर्ग ने सूची जारी की है…
ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लें : लोगों से कहा गया कि ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने पहुंचें। किसान आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शन करने वाली तस्वीरें ई-मेल करें। ये तस्वीरें 25 जनवरी तक भेजें। (दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों के साथ एकजुटता का प्रदर्शन)
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डिजिटल स्ट्राइक करें : आंदोलन से जुड़े फोटो/वीडियो और मैसेज #AskIndiaWhy के साथ 26 जनवरी से पहले या 26 जनवरी तक ट्विटर पर पोस्ट किए जाएं।
ट्विटर पर बवाल कर दें : 4-5 फरवरी को ट्विटर पर बवाल करने की योजना बनाई गई है। जिसमें किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, हैशटैग और तस्वीरों को ट्रेंड कराया जाए। इसके लिए तस्वीरें, वीडियो मैसेज 5 फरवरी तक भेज दिए जाएं। आखिरी दिन 6 फरवरी का होगा।
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भारत सरकार पर ऐसे बनाएं दबाव : किसान नेताओं और स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क स्थापित करें, इससे भारतीय सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनेगा।
भारतीय कारोबारियों को क्षति पहुंचाएं : दो बड़े भारतीय व्यापारिक घरानों को हर हाल में कमजोर करना है, जो मोदी सरकार में गरीबों का उत्पीड़न कर रहे हैं। गरीबों की जमीन और मेहनत पर कब्जा कर रहे हैं, उनसे जमीन छीन रहे हैं।
भारतीय दूतावास पर प्रदर्शन: दस्तावेज में बताया गया है कि विदेशों में भारतीय दूतावासों के पास कब और कहां प्रदर्शन करना है। मीडिया हाउस, सरकारी इमारतों और अडानी-अंबानी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने की बात भी इसमें कही गई है।
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Last few days we've seen a lot of global support for the farmers of India facing legislated and physical violence. We ask everyone for one post using #AskIndiaWhy #FarmersProtest and tag a celebrity, politician, or influencer. We're stronger together. Let's make some noise. pic.twitter.com/FfdNEHrjod
— Poetic Justice Foundation (@PoeticJFdn) February 3, 2021
भारत के विरुद्ध ये भी इन्फ्लुएंसर
पॉप गायिका रिहाना और कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका के कुछ राजनीतिक व्यक्तियों व संस्थाओं ने भारत के विरुद्ध ट्विटर और सोशल मीडिया पर ट्रेंड चला रखा है। ये सभी एक इन्फ्लुएंसर हैं इसका साक्ष्य कनाडा की संस्था पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन है। इस संस्था की वेबसाइट पर दिखाया गया है कि खालिस्तानी समर्थकों ने किसान आंदोलन को चलाने के लिए वैश्विकस्तर पर धन इकट्ठा करने की मुहिम चला रखा है।