दिल्लीः दीवारों पर लिखे ऐसे नारे कि पुलिस महकमे में मच गया हड़कंप

दिल्ली पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर शरारती तत्वों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।

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पश्चिम विहार और जनकपुरी मेट्रो स्टेशन के नजदीक दीवारों व अन्य इलाकों में 19 जनवरी को किसी ने स्प्रे से खालिस्तान जिंदाबाद और रिफरेंडम 2020 के नारे लिख दिये। उसके बाद पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया। पुलिस ने मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने संदेशों को भी दीवार से साफ कर दिया है।

पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर शरारती तत्वों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। आरोपितों को पकड़ने के लिए थानास्तर पर और स्पेशल स्टॉफ व स्पेशल सेल को भी जिम्मा सौंपा गया है।

पुलिस को है इस बात का शक
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इसके पीछे एक ही ग्रुप हो सकता है। गणतंत्र दिवस की सुरक्षा को लेकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई है। सुबह पीसीआर कॉल मिली थी कि बस स्टैंड पीरागढ़ी चौक पर दीवार पर स्प्रे पेंट से किसी ने पंजाबी में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे हैं। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। जिनको तुरंत साफ करवाया गया। मौके पर मौजूद लोगों को बताया गया कि कोई शरारती तत्व ने ही ऐसा किया होगा। आप को ज्यादा पैनिक होने की जरूरत नहीं हैं। मौके पर एसएचओ व एसीपी समेत अन्य अधिकारियों ने मुआयना किया।

सीसीटीवी फुटेज से जांच जारी
इस बीच जनकपुरी मेट्रो स्टेशन के पास इसी तरह की कॉल मिली। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने लिखे गए संदेश को साफ करवाया। पुलिस अफसर ने कहा कि सीसीटीवी के जरिए पता लगाया जा रहा है, जिसने भी ये किया है उसके खिलाफ लीगल कार्रवाई की जाएगी। ताकि गणतंत्र दिवस से पहले कोई भी गलत गतिविधि न हो। आज जो हुआ उससे हमारे सुरक्षा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। एसजेएफ एक प्रतिबंधित संस्था है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा का कहना है कि कुछ लोगों ने देश विरोधी, खालिस्तान संबंधी दिल्ली की किसी दीवार पर लिखे थे। यह कोई सुरक्षा का मुद्दा नहीं है। जिसने भी ये दिवार पर लिखा है उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

गणतंत्र दिवस की तैयारी शुरू
सुमन नलवा ने इस मामले में आगे कहा कि दिल्ली पुलिस का हर एक विभाग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि गणतंत्र दिवस से पहले किसी भी तरह की कोई गलत गतिविधि न हो। आज जो भी हुआ उससे हमारे सुरक्षा पर किसी भी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। चूंकि एसजेएफ एक प्रतिबंधित संस्था है और इस कारण वो लोगों के बीच अपनी पहचान बनाना चाहती है और साथ ही वह खबरों में भी रहना चाहती है।

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