हाय महामारी! बचत पर ज्यादा जोर, खर्च हुआ कमजोर

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मुंबई। कोरोना संक्रमण को लेकर देश के लोगों में चिंता बढ़ रही है। इस काल में ज्यादातर लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। इसलिए लोगों में चिंता के साथ ही खर्च को लेकर सतर्कता भी बढ़ रही है। एक सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि देश में 10 में से 9 लोग इस काल में खर्च को लेकर चिंतित हैं और आनेवाले समय में वे अपने खर्च को लेकर सतर्क रहेंगे।
ब्रिटेन के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने इस बारे में विश्व स्तर पर एक सर्वे कराया है। बैंक ने कहा है ”सर्वे में 90 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों ने माना कि कोरोना महामारी ने उन्हें खर्च को लेकर सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया है.”
इस तरह कर रहे हैं खर्च में कटौती
इसमें कहा गया है कि 80 फीसदी लोग या तो बजट बनानेवाले साधनों का उपयोग कर रहे हैं, या फिर ऐसे अन्य उपाय कर रहे हैं कि एक सीमा के बाद वे अपने खर्च पर नियंत्रण कर सकें।
ऑन लाइन खरीदारी बनी लोगों की पसंद
सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि भारत के ज्यादातर लोग अपनी खरीदारी डिजिटली करना पसंद कर रहे हैं। 78 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों के कहा कि वे ऑन लाइन खरीदारी पसंद करेंगे, जबकि विश्व स्तर पर औसत करीब दो तिहाई है। सर्वे में यह भी पता चला है कि कोरोना काल में भारत सहित दुनिया भर के तमाम देश किराना सामान , स्वास्थ्य और अन्य तरह की जरुरत की चीजों को डिजिटली खरीदना पसंद कर रेह हैं और वे अपनी बुनियादी जरुरतों को पूरा करने पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 56 फीसदी भारतीयों ने कपड़ों पर कम खर्च किए, जबकि विश्व स्तर पर यह प्रतिशत 64 है।
आगे भी बना रहेगा ये ट्रेंड
सर्वे में यह दावा किया गया है कि भारत में आगे भी यह ट्रेंड बना रहेगा। 41 फीसदी भारतीय प्रतिभागियों ने सर्वे में माना कि फिलहाल वे यात्रा और छुट्टी जैसी गैरजरुरी चीजों पर खर्च नहीं करेंगे। इस ऑनलाइन सर्वे को 12 हजार प्रतिभागियों के बीच किया गया। इसमें 12 देशों के प्रतिभागी शामिल थे। सर्वे में इस बात का पता लगाया गया कि कैसे महामारी ने जीवन जीने के तरीकों में बदलाव लाया है और आने वाले समय में क्या बदलाव स्थाई रुप से बना रह सकता है।

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