पूरी दुनिया को कोरोना संक्रमण की वजह से तबाही के समंदर में धकेलनेवाले चीन की परेशानी बढ़ती नजर आ रही है। चीन के हुबई प्रांत में एक बार फिर कोरोना का प्रकोप शुरू होने से ड्रैगन की चिंता बढ़ गई है। इसके साथ ही उत्तर पूर्वी चीन में तैयार आइसक्रीम पर कोरोना वायरस पाए जाने से पूरे देश में हड़कंप मच गया है।
हर दिन आ रहे हैं 100 से अधिक मामले
चीन ने अधिकृत रुप से जानकारी दी है कि हुबई प्रांत में 1,5000 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। उनमें से 24 लोगों की हालत गंभीर है। इन सबका इलाज अस्पतालों में चल रहा है। हर दिन सौ से ज्यादा नये मामले आने से चीन कि चिंता बढ़ गई है। इसके मद्देनदर चीन ने तीन दिन में तीन हजार लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया है।
आइसक्रीम में कोरोना वासरस
उत्तर पूर्वी चीन में तैयार आइसक्रीम पर कोरोना वायरस पाए गए हैं। इस घटना के पर्दाफाश होने के कारण अधिकारियों ने उस बैच के आइसक्रीम को वापस मंगाने का आदेश जारी कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार आइसक्रीम के तीन सैंपल कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
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कंपनी सील
मामला सामने आने के बाद बीजिंग से सटे तियानजिन इलाके में डाकीआडू फूड कंपनी को सील कर दिया गया है और उसमें काम करनेवाले कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट किया गया है। हालांकि अच्छी बात यह है कि आइसक्रीम से किसी के संक्रमित होने की जानकार नहीं मिली है।
दोस्त देश पाकिस्तान से भी चालबाजी
इस बीच जहां भारत में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है, वहीं पाकिस्तान में अभी तक वैक्सीन उलब्ध कराए जाने का इंतजार हो रहा है। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि फरवरी मध्य तक चीन की कंपनी साइनोफार्म की पहली खेप पहुंचने की संभावना है।
पाकिस्तान को कौन देगा वैक्सीन?
पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैसर इकबाल ने कहा है कि पाकिस्तान रुस से भी बातचीत कर रहा है। जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी। इकबाल का कहना है कि प्रथम चरण में पांच लाख से ज्यादा डोज आने की संभावना है। रुस और चीन के आलावा पाकिस्तान बायओएनटेक, फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन भी हासिल करने की कोशिश कर रहा है। अपने स्वार्थ के लिए दोस्ती की राग अलापनेवाले चीन ने फिलहाल पाकिस्तान को अपनी वैक्सीन उपलब्ध कराने के बारे में कोई वादा नहीं किया है।
विश्व के निशाने पर चीन
वैश्वीक महामारी की उत्पति स्थल होने के कारण चीन शुरू से ही पूरी दुनिया के निशाने पर रहा है। ज्यादातर देशों का मानना है कि कोरोना संक्रमण के मामले में चीन ने पारदर्शिता नहीं बरती और इस वजह से आज तक कई देशों में तबाही मची हुई है। इस मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन भी शक के घेरे में रहा है। विश्व भर के देशों का दबाव झेल रहे डब्ल्यूएचओ ने अपनी 13 सदस्यीय टीम को जांच के लिए वुहान भेजा है। लेकिन चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है। उसने इन 13 विशेषज्ञों को 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया है।
डबल्यूएचओ की टीम को किया क्वारंटइन
बता दें कि इस जांच के लिए चीन पहले तैयार नहीं था, लेकिन दुनिया भर के देशों के घेरने के बाद उसने इसकी मंजूरी तो दे दी है लेकिन वह इसमें भी अड़ंगा डालकर सच्चाई को सामने आने से रोक रहा है। शक है कि कोरोना वायरस की उत्पति चीन के वुहान शहर में स्थित लेबोरेटरी से हुई है। हालांकि ड्रैगन अभी भी यह मानने को तैयार नहीं है। अब इसकी जांच करने वुहान पहुंचे डब्ल्यूएचओ के 13 विशेषज्ञों के क्वारंटाइन किए जाने से एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि क्या कोरोना उत्पति की निष्पक्ष जांच हो पाएगी?
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