मुंबई लोकल को लेकर बड़ा समाचार!

अब तक स्वास्थ्यकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, सुरक्षाकर्मियों तथा वकीलों के साथ ही बैंककर्मियों को भी लोकल में यात्रा करने की मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन आम मुंबईकरों को अभी भी लाइफ लाइन में यात्रा करने से वंचित रखा गया है।

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कोरोना संक्रमण भले ही महाराष्ट्र में कम हो गया हो लेकिन प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार इस बारे में किसी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रदेश की जनता से अगले छह माह तक मास्क पहनने की अपील की। लोगों को उम्मीद थी की सीएम अपने संबोधन में मुंबई लोकल में आम मुंबईकरों को यात्रा करने की मंजूरी की घोषणा करेंगे लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी नहीं बोलकर लोगों को निराश कर दिया। इससे पहले राज्य के राहत और पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने एक जनवरी से सबके लिए लोकल शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सीएम की इस बारे में चुप्पी से यह साबित हो गया है कि 1 जनवरी से भी सबको लोकल में यात्रा की मंजूरी नहीं मिलेगी।

आम मुंबईकरों को यात्रा की अनुमति कब?
बता दें के कोरोना की वजह से 23 मार्च 2020 से मुंबई लोकल को बंद कर दिया गया था,हालांकि बाद में आवश्यक सेवा में कार्यरत कर्मचारियों और लोगों के लिए लोकल ट्रेन शुरू की गई थी। अब तक स्वास्थ्यकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों, सुरक्षाकर्मियों तथा वकीलों के साथ ही बैंककर्मियों को भी लोकल में यात्रा करने की मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन आम मुंबईकरों को अभी भी लाइफ लाइन में यात्रा करने से वंचित रखा गया है। अपनी रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे आम मुंबईकरों में सरकार के इस रुख से निराशा है, वे सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर हमें लोकल में यात्रा की मंजूरी कब मिलेगी?

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छह माह तक मास्क लगाना जरुरी, नाईट कर्फ्यू नहीं
राज्य की जनता के संबोधन में सीएम ठाकरे ने कई मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने मेट्रो कारशेड, कोरोना वायरस समेत नाईट कर्फ्यू आदि मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए अगले छह महीने तक मास्क पहनना जरुरी बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ नाईट कर्फ्यू लगाना चाहते हैं लेकिन वे इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना कंट्रोल मे है लेकिन अभी पूरी तरह नहीं।

कोरोना कंट्रोल में लेकिन खतरा बरकरार
19 दिसंबर को महाराष्ट्र में 3,940 कोरोना के नये मामले आए। यह देश में आए नये मामलों में दूसरे स्थान पर है। वहीं प्रदेश में पिछले एक महीने से कोरोना संक्रमण काफी कंट्रोल में दिख रहा है। लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। नवंबर में राज्य सरकार ने अधिकारियों को एक पत्र जारी किया था जिसमें सुधार के बावजूद कोरोना कंट्रोल को लेकर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने का आदेश दिया था।

दूसरी लहर की आशंका के मद्देनदर सावधानी
आशंका है कि जनवरी-फरवरी में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जिस तरह ब्रिटेन और यूरोप के अन्य देशों में कोरोना की दूसरी लहर आई है, वैसी लहर भारत में आने की आशंका नही है।

संबोधन या कैबिनेट की बैठक?
सीएम का यह संबोधन तो प्रदेश की जनता के लिए था, लेकिन उनक निशाने पर विपक्ष रहा। वे शायद भूल गए कि वे जनता से संवाद साध रहे हैं, कैबिनेट की बैठक में नहीं बोल रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने 28 नवंबर को राज्य सरकार ने एक वर्ष पूरा कर लिया। कई लोगों को उम्मीद थी कि सरकार गिर जाएगी, लेकिन सरकार ने न एक साल पूरा कर लिया बल्कि सबसे कठिन परिस्थितियों का भी सामना किया। सीएम ने अपने संबोधन में मेट्रो कारशेड पर भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति न कर जनता के हित में काम करने की अपील की।

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