यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच एक बार फिर से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच झड़प शुरू हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार को यरुशलम के पुराने इलाके में स्थित अल-अक्सा मस्जिद परिसर में इजरायली पुलिस फिर से दाखिल हुई और वहां मौजूद फिलिस्तीनियों को बाहर निकाल दिया। पवित्र स्थल तक यहूदियों को पहुंचाने के लिए हुए इस पुलिस कार्रवाई के बाद संघर्ष में 17 फिलिस्तीनी घायल हो गए, जिनमें से पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इजरायली पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पहाड़ी पर स्थित यह मस्जिद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, जबकि यही स्थल यहूदियों के लिए भी पवित्र स्थान है। यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं। यहूदियों को टेंपल माउंट जाने की अनुमति तो है, लेकिन वे वहां प्रार्थना नहीं कर सकते हैं। दो दिन पहले यहां फिलिस्तीनियों के साथ इजराइली पुलिस की झड़प हुई थी। फिलिस्तीनी लोगों ने नमाज से पहले इजरायली पुलिस पर पत्थरबाजी की थी।
एक साल पहले भी भड़की थी हिंसा
एक साल पहले यरुशलम में इजरायली सुरक्षा बलों और फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भड़की थी। यह हिंसा 11 दिनों के गाजा युद्ध में तब्दील हो गई थी। इसी जगह पर इजरायल और फिलिस्तीन के प्रतिस्पर्धी दावों ने कई दौर की हिंसा को जन्म दिया।
कोरोना के बाद उमड़ी भीड़
कोरोना महामारी प्रतिबंधों में ढील के बाद हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ यहां जुट रही है। इजरायली पुलिस ने फिलिस्तीनियों पर पवित्र स्थल को अपवित्र करने का आरोप लगाया, जबकि फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इजरायल पर संवेदनशील पवित्र स्थल को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने दी धमकी
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रडेनेह ने कहा कि अल-अक्सा मस्जिद में जो हुआ, वह खतरनाक संकेत है। इजरायली सरकार को इसके नतीजे भुगतने होंगे।