Bombay High Court: औरंगाबाद, उस्मानाबाद नाम बदलने के खिलाफ याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या कहा? यहां पढ़ें

उस्मानाबाद और औरंगाबाद का नाम धारशिव और छत्रपति संभाजीनगर करने का राज्य सरकार का निर्णय बहुत उचित है।

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Bombay High Court: नाम बदलने के विवाद पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। औरंगाबाद-उस्मानाबाद (Aurangabad-Osmanabad) नाम परिवर्तन विवाद पर हाई कोर्ट ने 8 मई (बुधवार) को फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने स्थानीय निवासियों द्वारा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के फैसले को दी गई चुनौती को खारिज (reject the challenge) कर दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अक्टूबर के लिए सुरक्षित फैसला बुधवार (8 मई) को सुनाया है।

नामकरण का निर्णय बहुत ही उचित है
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने 4 अक्टूबर, 2023 को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया। परिणाम घोषित कर दिया गया है। नतीजों की घोषणा करते समय राजस्व विभाग के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में उस्मानाबाद और औरंगाबाद का नाम धारशिव और छत्रपति संभाजीनगर करने का राज्य सरकार का निर्णय बहुत उचित है। याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वह कोई आर्थिक जुर्माना नहीं लगाना चाहता है, साथ ही कहा है कि इस फैसले से किसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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अन्य शहरों का नाम बदलने का प्रस्ताव विचाराधीन
यह स्पष्ट किया गया है कि आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि में न केवल इन दो शहरों बल्कि अन्य शहरों का नाम बदलने का प्रस्ताव विचाराधीन है। हाल ही में राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने भी स्पष्ट किया है कि अहमदनगर अहिल्यानगर बनेगा। इस फैसले को लेकर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उम्मीद थी कि एक महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला सुनाएगा। याचिकाकर्ता बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

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सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से हमें उसी तरह का न्याय मिलेगा जैसा सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में याचिकाकर्ताओं को राहत दी थी। हाई कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला राजनीति से प्रेरित है। फिलहाल महाराष्ट्र में चुनाव हैं। चुनाव के दौरान याचिका खारिज हो चुकी है। चुनाव के दौरान याचिका खारिज करना गलत है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। इस संबंध में प्राप्त 28 हजार आपत्ति आवेदनों पर विचार नहीं किया गया।

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