नुपूर शर्मा के कथित पैगंबर पर विवादित बयान को लेकर 10 जून को नमाज के बाद अन्य स्थानों के साथ ही प्रयागराज में भी हिंसक प्रदर्शन किया गया। योगी राज में प्रयागराज हिंसा के मास्टमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के घर पर 12 जून को बुलडोजर फिरा दिया गया। उसके साथ ही उसकी बड़ी बेटी आफरीन फातिमा का घर भी ध्वस्त कर दिया गया।
जावेद पंप की बेटी आफरीन को लेकर पैदा हुआ विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले भी उसका विवादों से गहरा नाता रहा है। जेएनयू की पूर्व छात्रा रही आफरीन फातिमा पिछले कई वर्षों से जेएनयू और उसके बाहर होने वाली देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं। शायद यही कारण है कि उसके समर्थन में जेनयू में डफली बजाकर जमकर नारे लगाए गए।
ज़ब JNU में डफली बजे तो समझ लो की चोट सही जगह पर लगी है। pic.twitter.com/QaiG5809bJ
— Ajay Sehrawat (@IamAjaySehrawat) June 12, 2022
इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद नेटिजंस के तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि अगर इन्हें डफली ही बजानी है तो ये जेएनयू में क्या कर रहे हैं?
इन @JNU_official_50 के विद्यार्थियों को अगर डफली ही बजानी है तो फिर जेएनयू में क्यूं हैं ये?
— Parimal Sharma (@parimalsharma1) June 12, 2022
एक अन्य यूजर ने लिखा-इस तरह के विरोध प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों को बर्खास्त क्यों नहीं कर दिया जाता?
Why don't #JNU #Admin dismiss all these student involved in protests? They went their to study or to do protest.
— Dr. K.B. Mishra (MSc, PhD) (@kbmishra) June 12, 2022
कौन है आफरीन?
वैसे,आफरीन के बारे में कहा जाता है कि वह शाहीनबाग षड्यंत्र के मास्टरमाइंड शरजील इमाम की फ्रेंड है। उसने जेएनयू के भाषा विज्ञान केंद्र से मास्टर डिग्री ली है। 2021 में जेएनयू छोड़कर वह चली गई। उसने प्रयागराज के सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल से हाईस्कूल और इंटर तक पढ़ाई की है। उसके बाद उसने अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्याल में दाखिला लिया। यहां से उसने लिंग्विस्टिक्स में बीए ऑनर्स और एमए किया। वह एएमयू में महिला कॉलेज की अध्यक्ष रही और छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रही। एमयूए के बाद उसने जेनयू में एडमिशन लिया।
आफरीन का रहा है इन विवादों से संबंध
2019 में दिल्ली में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चले आंदोलन में वह काफी सक्रिय रही। उसने अफजल गुरु को निर्दोष बताया था। अफजल को 2001 के संसद हमले का दोषी ठहराया गया था और फांसी दे गई थी।
25 जनवरी, 2020 को ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में फातिमा ने भीड़ को भड़काने का प्रयास किया था। सीएए और एनआरसी के विरोध में उसने कहा था कि न तो सरकार और न ही सर्वोच्च न्यायालय मुस्लिमों के विश्वास के लायक है।
Terrorist Afzal Guru was innocent, we do not trust Supreme Court of India ~ Afreen Fatima. pic.twitter.com/uyCVVK0ZcR
— Anshul Saxena (@AskAnshul) June 12, 2022
-फातिमा हिजाब विवाद के समय भी काफी सक्रिय रही। उसने जेएनयू के दौरान इस मामले को लेकर दक्षिणा भारत के कई शहरों का दौरा किया था। इस दौरान उसने कई प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था और लोगों को भड़काने की पूरी कोशिश की थी।
-22 जनवरी 2022 को प्रयागराज में जब मुस्लिम महिलाओं ने धरना दिया था, तो वह भी उसमे शामिल रही थी। इस दौरान उसने अफजल गुरु को फांसी दिए जाने को लेकर सरकार और सर्वोच्च न्यायालय पर सवाल उठाए थे।
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