महाराष्ट्र में पोलियो निर्मूलन के लिए बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाया रहा था। लेकिन ये दो बूंदें बड़ी ही जहरीली निकली। जिन खुराक को पोलियो प्रतिरोधक माना जा रहा था वो निकला कोरोना प्रतिरोधक सैनिटाइजर। इसको पीने के बाद बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी और देखते ही देखते 12 बच्चे अस्पताल पहुंच गए। भंडारा में दस नवजातों की हृदयविदारक मौत के बाद यवतमाल का कांड राज्य में बच्चों के स्वास्थ्य से प्रशासन का महापाप ही कहा जा रहा है।
ये घटना यवतमाल जिले के घाटंजी की है। कापसी कोपरी के स्वास्थ्य केंद्र में पोलियो निर्मूलन अभियान के अंतर्गत ये पोलियो टीकाकरण किया जा रहा था। जिसमें बच्चों को सैनिटाइजर की खुराक दे दी गई।
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इसके बाद इन बच्चों को उल्टियां शुरू हो गई। इन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया है।
जांच के आदेश
कापसी कोपरी स्वास्थ्य केंद्र पर जिन बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई है उनकी आयु पांच साल तक की है। खुराक दिये जाने के बाद बच्चों को उल्टियां होने लगी। जैसे ही घटना की जानकारी मिली जिलाधिकारी एम.देंवेंद्र सिंह ने जांच के आदेश दे दिये। जिला परिषद के मुख्यकार्यकारी अधिकारी श्रीकृष्ण पांचाल इसकी जांच कर रहे हैं।
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जिलाधिकारी पहुंचे अस्पताल
यवतमाल के जिलाधिकारी एम.देवेंद्र सिंह ने अस्पताल जाकर बच्चों का हालचाल जाना है। उन्होंने बताया कि, जब बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई उस समय टीका केंद्र पर समुदाय आरोग्य अधिकारी, आशा कर्मचारी और आगंनवाड़ी सेविका मौजूद थीं। अब जिला परिषद के सीईओ की जांच के बाद पता चलेगा कि किसकी गलती से ये घटना हुई है।
इस घटना के लिए बच्चों के अभिभावकों ने स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। गांव के सरपंच की सतर्कता से बड़ी अनहोनी टल गई है।
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