कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए एक मात्र कारगर उपाय टीकाकरण को माना जा रहा है। इस बीच भारत के लिए बुरी खबर है। आनेवाले दिनों में टीका को लेकर देश में संकट पैदा हो सकता है। वैक्सीन बनाने के लिए जिन चीजों की जरुरत होती है, उनके कच्चे माल की आपूर्ति पर अमेरिका ने पाबंदी लगा दी है।
विश्व को 80 प्रतिशत वैक्सीन उपलब्ध कराने वाली पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने यह माना है कि अमेरिका ने वैक्सीन बनाने के लिए उपयोग होनेवाले कच्चे माल पर रोक लगा दी है। स्वाभाविक तौर पर आने वाले दिनों में भारत में वैक्सीन उत्पादान पर इसका असर पड़ सकता है।
नोवावैक्स कंपनी के लिए यह समस्या ज्यादा गंभीर
बताया जा रहा है कि नोवावैक्स कंपनी के लिए यह समस्या ज्यादा गंभीर है, क्योंकि इस वैक्सीन का उत्पादन पूरी तरह अमेरिका से आयात होनेवाले कच्चे माल पर निर्भर करता है। अदार पूनावाला ने कहा कि नोवावैक्स वैक्सीन के प्रमुख निर्माता होने के कारण उनको उन कच्चे माल की जरुरत है और अगर पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन निर्माण की बात करें तो हमें इन महत्वपूर्ण कच्चे माल को लेकर दिक्कतें हो सकती हैं।
अदार पूनावाला ने उठाया सवाल
अदार पूनावाला ने इस पाबंदी को लेकर सवाल उठाए हैं। विश्व बैंक की ओर से आयोजित चर्चा सत्र में उन्होंने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि अमेरिकी कानून के कारण आने वाले दिनों में काफी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि कोविड 19 महामारी इस वक्त में जहां देश एक दूसरे की मदद कर रहे हैं, वहीं सीरम इंस्टीट्यूट भी दुनिया के कई देशों की वैक्सीन की जरुरतों को रात-दिन एक कर पूरा कर रहा है। अगर अमेरिका ज्ल्द ही निर्णय वापस नहीं लेता है तो शायद कुछ सप्ताह बाद वैक्सीन उत्पादन को रोकना पड़ जाएगा।
वर्तमान में कमी नहीं
पूनावाला ने कहा कि फिलहाल कोविशील्ड और कोवाक्सिन का टीकाकरण किया जा रहा है और इनके काफी स्टॉक पहले से ही मौजूद है। साथ ही इनके उत्पादन में ज्यादा कच्चे माल का उपयोग नहीं होता, लेकिन लंबे समय तक पाबंदी रहने पर परेशानी जरुर आ सकती है।
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बाइडेन प्रशासन से चर्चा जरुरी
पूनावालाने कहा कि इसके लिए बाइडेन प्रशासन से चर्चा करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से टीके की इमरजेंसी उपयोग करने की मंजूरी मिलने के बाद सीरम कंपनी पिछले दो महीनों में एक्स्ट्राजेनेका वैक्सीन की 9 करोड़ खुरा विदेशों को भेज चुकी है।