क्या अब टीकाकरण के खिलाफ जिहाद? जानिये क्या है मामला

वैक्सीन भरी सीरींज को कूड़ेदान में फेंकने और लाभार्थियों को मात्र सिरिंज चुभोने के मामले में यूपी के अलीगढ़ के जमालपुर यूपीएचसी की एएनमएम निहा खान और मेडिकल ऑफिसर डॉ. आफरीन जेहरा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही पुलिस में भी मामला दर्ज कराया गया है।

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एक तरफ देश में कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन की किल्लत है और इसकी एक-एक खुराक बचाने की दिशा में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है। अलीगढ़ के जमालपुर यूपीएचसी में कूड़ेदान में कोरोना वैक्सीन से भरी हुई 29 सिरिंज मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। ये सिरिंज फेंकने का आरोप जमालपुर यूपीएचसी में कार्यरत एएनएम निहा खान पर लगाया गया है। इस मामले में एएनमएम निहा खान के साथ ही मेडिकल ऑफिसर डॉ. आफरीन जेहरा के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। मामले के उजागर होने के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अब एक धर्म के लोगों ने टीकाकरण के खिलाफ भी जिहाद शुरू कर दिया है?

पुलिस ने शुरू की जांच
वैक्सीन भरी सीरींज को कूड़ेदान में फेंकने और लाभार्थियों को मात्र सिरिंज चुभोने के मामले में अलीगढ़ के जमालपुर यूपीएचसी की एएनमएम निहा खान और मेडिकल ऑफिसर डॉ. आफरीन जेहरा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही पुलिस में भी मामला दर्ज कराया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी विशाल चौधरी ने बताया कि यह मामला सीएमओ की शिकायत पर दर्ज किया गया है।

मामला प्रकाश में आने पर हड़कंप
वैक्सीन को इस तरह कूड़ेदान में फेंकने का मामला उजागर होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसकी जांच का जिम्मा एसीएमओ स्तर के अधिकारी डॉ. एम.के. माथुर और डॉ. दुर्गेश कुमार को दी गई। इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक बुलाई गई, जिसमें इन दोनों अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई।

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निहा खान और डॉ. आफरीन को दोषी पाया गया
जांच में एएनएम निहा खान और मेडिकल ऑफिसर डॉ. आफरीन को दोषी पाया गया। लोगों को टीका लगा रही निहा खान की सेवा समाप्त कर दी गई है और डॉ. आफरीन को मूल तैनाती पर भेजा सकता है। इसके साथ ही इन दोनों के खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज कराया गया है। फिलहाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

मैडम का मूड खराब था या और कुछ
अलीगढ़ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा था। यहां एएनएम निहा खान पर लोगों को टीका लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। स्वास्थ्य केंद्र पर निहा खान के साथ काम कर रहे स्टाफ ने देखा कि वह टीका लगाने की बजाय सिरिंज को केवल चुभो रही है और वैक्सीन से भरी सिरिंज कूड़ेदान में फेंक रही है। इस पर जब स्टाफ ने उसे टोका तो उसने कहा कि मेरा मूड खराब है। इसके बाद वह वहां से चली गई। बाद में स्टाफ ने कूड़ेदान से वैक्सीन भरी 29 सिरिंज बरामद की। उसके बाद मामला उजागर होने पर हड़कंप मच गया।

क्या अब टीकाकरण के खिलाफ जिहाद?
इस मामले में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या अब एक धर्म के कुछ लोगों ने टीकाकरण के खिलाफ भी जिहाद शुरू कर दिया है? फिलहाल यह एक गंभीर मामला है और इसकी जांच करने की आवश्यकता है।

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