स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य-विज्ञान-समाजसेवा और स्मृति चिन्ह पुरस्कार प्रदान, मुंबई के वीरपुत्र समेत ऐसी है सम्मानितों की सूची

रविवार, 21 मई, 2023 को शाम 7 बजे दादर स्थित स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सावरकर सभागार में स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य, विज्ञान, समाज सेवा और स्मृति चिन्ह पुरस्कार प्रदान किए गए।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक (Swatantryaveer Savarkar National Memorial) द्वारा प्रति वर्ष प्रदान किया जानेवाला स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार (Bravery Award) 2023 वीर मेजर कौस्तुभ राणे को समर्पित किया गया है। इसके अलावा विज्ञान पुरस्कार (Science Award), समाजसेवा पुरस्कार (Social Service Award) और स्मृति चिन्ह पुरस्कार (Memento Award) भी प्रदान किया गया है। इस पुरस्कार समारोह के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) की प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थिति रही।

प्रतिवर्ष स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार प्रदान किया जाता है। यह रणभूमि में वीरता का परिचय देनेवाले योद्धाओं को प्रदान किया जाता है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार 2023 से इस वर्ष हुतात्मा मेजर कौस्तुभ राणे को सम्मानित किया गया, इस पुरस्कार को वीरमाता ज्योति राणे और पित्रा प्रकाश राणे ने स्वीकार किया। इस अवसर पर वीरमाता भावुक हो गईं।

परमेश्वर का आभार जिसने ऐसे पुत्र की माँ बनने का अवसर दिया – वीरमाता ज्योति राणे
वीरमाता ज्योति राणे ने अपने संबोधन का प्रारंभ ही भावनात्मक कविता से किया। उन्होंने मराठी में रचित कविता…

अंश तू माझा, वंश तू माझा
कुशीत माझा, जन्म घेतला।
भाग्य माझे, थोर म्हणोनि तुझ्यासारखा पुत्र लाभला।
हृदयी निरंतन तुझी आठवण, चिरंजीव तू स्वकर्तुत्वाने।
उन्नत होई अमुचा माथा तुज विषयीच्या अभिमानाने।

अर्थ – अंश तू मेरा, वंश तू मेरा, कोख में मेरे जन्म लिया तू, परम भाग्य है मेरा कि तेरे जैसा पुत्र मिला। हृदय में मेरे सदा स्मरण, चिरंजवी तू अपने कर्तव्यों से। तेरे कार्यों से अभिमानित हो उठता है मेरा माथा।

वीरमाता ज्योति राणे बहुत भावुक हो गई थीं। उन्होंने अपने पराक्रमी पुत्र की वीरता को व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘ऐसे वीर पुत्र को जन्म देने का अवसर देने लिए प्रभु का धन्यवाद। कौस्तुभ के देश के लिए दिए गए बलिदान के सम्मानार्थ स्वतंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक ने शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया। स्वतंत्र्यवीर सावरकर हमारे देश के महान वीरों की शृंखला में एक चमकता हुआ रत्न, क्रांति मंत्र के प्रणेता, प्रखर देशभक्त थे। उनके नाम पर शौर्य पुरस्कार मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। यह पुरस्कार यदि कौस्तुभ द्वारा प्राप्त किया जाता तो अधिक प्रसन्नता होती। उन्हें दो-दो सेना पदकों से सम्मानित किया गया, लेकिन वे स्वयं उन पदकों को स्वीकार नहीं कर सके। ईश्वर की जैसी इच्छा!’

स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक मेरे लिये तीर्थ
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैंस ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में मेरा आना, मैं तीर्थयात्रा मानता हूं। मैं स्मारक के अध्यक्ष और सभी ट्रस्टियों को स्वातंत्र्यवीर सावरकर पुरस्कार प्रदान करने के लिए मुझे यहां आमंत्रित किया, इसके लिए हृदय पूर्वक धन्यवाद देता हूं। राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान अर्पण करने वाले शूरवीर मेजर कौस्तुभ प्रकाश कुमार राणे को ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार 2023 मरणोपरांत’ प्रदान किये जाने पर मैं वीर गति प्राप्त मेजर कौस्तुभ कुमार प्रकाश राणे को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और वीर माता ज्योति राणे को नमन करता हूं। स्वातंत्र्यवीर सावरकर समाजसेवा पुरस्कार 2023 के लिए मैत्री परिवार संस्था का हार्दिक अभिनंदन। स्वातंत्रयवीर सावरकर के विचारों को प्रचारित और प्रसारित करनेवाले प्रदीप परुलेकर का भी हार्दिक अभिनंदन,डॉ.अभय करंदीकर को विज्ञान पुरस्कार के लिए बंधाई।

वीर सावरकर हिंदुस्थान की स्वतंत्रता के महान क्रांतिकारी थे, वे एकमात्र ऐसे क्रांतिकारी हैं जिन्हें दोहरे आजीवन कारावास की सजा मिली थी। वे छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि में जन्मे एक निडर क्रांतिकारी थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर बहुत ऊमदा विचार रखे थे। वीर सावरकर ने बाल विवाह का विरोध, संकीर्ण विचारों का विरोध किया, अस्पृष्यता का विरोध किया। वे उत्कृष्ट साहित्यकर्मी थे, जिन्होंने 1857 के समर को प्रथम स्वतंत्रता समर घोषित किया और उस पर ग्रंथ लिखा।

ऐतिहासिक भूल सुधारी जाए
राज्यपाल रमेश बैंस ने कहा कि, ‘देश में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद दुर्भाग्य से ऐसा काल आया, जब हमारे क्रांतिकारियों को गलत रूप में प्रस्तुत किया गया, उनके बारे में गलत अवधारणाएं निर्मित की गई। परंतु, अब समय आ गया है, जब उस ऐतिहासिक भूल को सुधारा जाए। यदि आप मातृ भूमि की सेवा करनेवाले और सर्वस्व अर्पण करनेवाले क्रांतिकारियों को और सेना के बलिदान को नकारते हैं, तो यह राष्ट्रजन स्वीकार नहीं करेंगे।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर को चिरस्थाई बनाना होगा, स्कूली शिक्षण में आये जयोस्तुते
राज्यपाल रमेश बैंस ने कहा कि, ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर और क्रांतिकारी पूरे देश में प्रेरणा बनें। भगूर में स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जन्मस्थली पर भव्य स्मारक बनना चाहिये। जयोस्तुते – जयोस्तुते, हे महामंगले… स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिये। राज्य सरकार ने वीर सावरकर की जयंती को ‘सावरकर गौरव दिन’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। नए संसद भवन का लोकार्पण वीर सावरकर की जयंती के दिन होना है। इसके अलावा राज भवन में वीर सावरकर पर आधारित गैलरी बनाई गई है। मैं राज भवन में क्रांति गाथा संग्रहालय बनाने में सहायता के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक को धन्यवाद देता हूं।’

चार पुरस्कारों का हुआ वितरण
स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार के साथ, स्वातंत्र्यवीर सावरकर विज्ञान पुरस्कार अभय करंदीकर को दिया गया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर समाजसेवा पुरस्कार 2023 से मैत्री परिवार संस्था नागपुर को सम्मानित किया गया। संस्था की ओर से प्रा.प्रमोद पेंडके और प्रा.माधुरी यावल ने स्वीकार किया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मृति पुरस्कार 2023 से चंद्रकांत परुलेकर को सम्मानित किया गया।

इस भव्य आयोजन में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष प्रवीण दीक्षित, कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर, कार्यवाह राजेंद्र वराडकर, कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे उपस्थित थीं।

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