महाराष्ट्र में कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले नियमित छात्रों को बड़ी राहत देने वाली खबर आई है। ऐसे विद्यार्थियों का विशेष मामला मानकर संपूर्ण परीक्षा शुल्क माफ किया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस शैक्षणिक वर्ष में 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य शिक्षा बोर्ड जल्द ही इस संबंध में स्कूलों और कॉलेजों को निर्देश जारी करेगा।
बता दें कि कई छात्रों ने कोरोना के प्रकोप के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। ऐसे छात्रों को आर्थिक परेशानी के कारण परीक्षा शुल्क भरने में दिक्कतें आ सकती हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 2021-22 के शिक्षा सत्र के लिए परीक्षा देने वाले 10वीं और 12वीं का परीक्षा शुल्क माफ कर किया जाए। महाराष्ट्र सरकार ने इसे एक विशेष परिस्थित मानते हुए विद्यार्थियों के भविष्य के लिए यह निर्णय लिया है।
स्कूल-कॉलेजों को जल्द दी जाएगी सूचना
महाराष्ट्र राज्य में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी ने बताया कि 10वीं-12वीं राज्य बोर्ड परीक्षाओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है और अब तक 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं के 13 लाख छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में कितने छात्रों को यह राहत मिलेगी, इस पर टिप्पणी करना संभव नहीं है, लेकिन स्कूलों और कॉलेजों को तत्काल इसकी सूचना दी जाएगी। स्कूल और कॉलेज अपने स्तर पर छात्रों के आवश्यक प्रमाणपत्रों और दस्तावेजों का सत्यापन तथा आवेदन भरते समय शुल्क माफी की प्रक्रिया पूरी करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदन बोर्ड में जमा किया जाएगा।
बहुत बड़ी राहत
कोरोना एकल पुनर्वास समिति के संयोजक हेरंब कुलकर्णी ने कहा कि अनाथ बच्चों की परीक्षा फीस के मामले में शिक्षा विभाग द्वारा दी गई राहत भी बहुत बड़ी बात है और वे उसके आभारी हैं। इससे राज्य के लगभग 25,000 छात्रों को मदद मिलेगी। हम विभाग से उनकी आर्थिक मदद के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने का भी अनुरोध करते हैं।