कबाड़ से रेलवे मालामाल, बेचकर कमाए ‘इतने’ करोड़

रेलवे द्वारा स्क्रैप में अनुपयोगी रेल, रेल पथ सामग्री, अनुपयोगी वैगन, कोच और लौह स्क्रैप सम्मिलित है।

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रेलवे में कबाड़ निस्तारण के लिये भंडार विभाग मिशन जीरो स्क्रैप अभियान के तहत रेलवे स्टेशनों, रेलखण्ड, डिपो, वर्कशॉप, शेड, तथा रेलवे परिसरों को कबाड़ मुक्त करने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में नवम्बर तक अनुपयोगी तथा व्यर्थ पड़े कबाड (स्क्रैप) को बेचकर 140.52 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार भण्डार विभाग ने वित्तीय वर्ष में नवम्बर तक उत्तर पश्चिम रेलवे पर 140.52 करोड़ रुपये के कबाड (स्क्रैप) का निस्तारण कर राजस्व प्राप्त किया, जाे कि गत वर्ष की इसी अवधि के 125 करोड़ की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। उत्तर पश्चिम रेलवे को इस वर्ष कबाड (स्क्रैप) निस्तारण से 192 करोड़ की आय अर्जित करने का लक्ष्य दिया गया है। रेलवे द्वारा स्क्रैप में अनुपयोगी रेल, रेल पथ सामग्री, अनुपयोगी वैगन, कोच और लौह स्क्रैप सम्मिलित है। रेलवे द्वारा आईआरपीएस पोर्टल की ई-नीलामी के माध्यम से स्क्रैप की बिक्री से होने वाली आय का उपयोग बुनियादी ढ़ांचे के विकास में किया जा रहा है।

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