अयोध्या में जमीन खरीदी में नहीं हुआ घोटाला! ट्रस्ट के दावे में इसलिए है दम

अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर के पास स्थित बिजेसी मुहल्ला मे की गई भूमि खरीदी में 13 जून को समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन ने घोटाले का आरोप लगाया है। ट्रस्ट ने उनके आरोप को बेबुनियाद बताया है।

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राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण और दर्शन के लिए आने वाले भक्तों तथा श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीदी में घोटाले के आरोप को खारिज कर दिया है। ट्रस्ट ने दावा किया है कि जिन जमीनों की खरीदी में घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है, उनकी कीमत बाजार मूल्य से कम दी गई है।

अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि परिसर के पास स्थित बिजेसी मुहल्ला मे की गई भूमि खरीद को लेकर 13 जून को समाजवादी पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय पवन ने घोटाले का आरोप लगाया है। ट्रस्ट ने उनके आरोप को बेबुनियाद बताया है। ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि जमीन का एग्रीमेंट पहले ही हो चुका था और हमने जमीन की कीमत औसत से भी कम चुकाई है।

सपा नेता का आरोप
सपा नेता ने आरोप में कहा है कि जिस भूमि का इसी वर्ष 18 मार्च को तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 में रजिस्टर्ड कराया, उस भूमि का एग्रीमेंट करने वाले रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने उसी तारीख को 10 मिनट पहले ही मात्र दो करोड़ रुपए में बैनामा कराया था। पूर्व मंत्री का कहना है कि दो करोड़ रुपए की भूमि 18.50 करोड़ में एग्रीमेंट कराने के पीछे बड़ा घोटाला है।

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ट्रस्ट का दावा, आरोप बेबुनियाद
ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस आरोप को लेकर कहा है कि सच्चाई यह है कि संबंधित भूमि का 4 मार्च 2011 को यानी 10 वर्ष पहले मोहम्मद इरफान, कुसुम पाठक और हरिदास ने दो करोड़ में एग्रीमेंट कराया था। तीन वर्ष बाद इस एग्रीमेंट का नवीनीकरण भी कराया गया। इस भूमि का 2017 में हरिदास और कुसुम पाठक ने जमीन के मालिक नूर आलम, महफूज आलम और जावेद आलम से बैनामा करा लिया था। हरिदास और कुसुम पाठक से इस जमीन का 17 सितंबर 2019 को रविमोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी आदि 8 लोगों ने एग्रीमेंट कराया। रविमोहन एवं सुल्तान अंसारी ने ही 18 मार्च 2021 को इस जमीन का बैनामा कराया।

वर्तमान कीमत से कम में खरीदी गई जमीन
पवन पांडेय जिस जमीन को दो करोड़ का बताकर उसे 18.50 करोड़ में खरीदने का आरोप लगा रहे हैं, उसका तय सर्किल रेट 4,800 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से उसकी कीमत 5 करोड़ 79 लाख 84 हजार होती है। जबकि मलियत से अलग बाग बिजेसी एवं रामनगरी के आसपास की जमीन का वर्तमान औसत मूल्य 2000 रुपए प्रति वर्ग फीट है। इस हिसाब से ट्रस्ट ने संबंधित जमीन के लिए औसत मूल्य से भी काफी कम कीमत चुकाई। संबंधित भूमि का क्षेत्रफल 12 हजार 80 वर्ग मीटर यानी एक लाख 29 हजार 981 वर्ग फीट है। इस हिसाब से ट्रस्ट ने 1,423 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से जमीन की कीमत चुकाई है।

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ट्रस्ट के महासचिव का आरोप
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय बंसल ने कहा कि आरोप लगााने वाले लोग राजनीतिक द्वेश से प्रेरित हैं। बाग बिजेसी, अयोध्या स्थित 1.20 हेक्टेयर भूमि की खरीदारी में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। इस भूमि के संबंध में वर्ष 2011 से वर्तमान विक्रेताओं के पक्ष में 2011, 2017 और 2019 में एग्रीमेंट किया गया।

कोई धोखा नहीं हुआः सुल्तान
ट्रस्ट के नाम संबंधित भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करनेवाले सुल्तान अंसारी का कहना है कि संबंधित भूमि बिक्री खरीदी में न हमने और न ट्रस्ट ने कोई धोखा किया है। करीब 10 साल पहले जब अयोध्या में जमीन का कीमत कम थी, तभी हम लोगों ने दो करोड़ में संबंधित भूमि का एग्रीमेंट कराया था। सच्चाई यह है कि राम मंदिर में सहयोग को ध्यान में रखकर इस जमीन का बाजार भाव से काफी कम में एग्रीमेंट किया गया है।

  जमीन खरीदी की खास बातें

  • 2011 में पहली बार जमीन का एग्रीमेंट कराया गया।
  • संबंधित जमीन का सर्किल रेट 4800 रुपए प्रति वर्ग मीटर है।
  • रामनगरी की जमीन का औसत मू्ल्य 2000 रुपए प्रति वर्ग फीट है।
  • 1423 रुपए प्रति वर्ग फीट के हिसाब से ट्रस्ट ने चुकाई है कीमत।
  • संबंधित भूमि का क्षेत्रफल 12080 वर्ग मीटर है।
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