महाराष्ट्र : भंडारा अस्पताल कांड में एफआईआर कब?

भंडारा के अस्पताल में लगी आग ने सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा इंतजामों के लेकर सवाल खड़ा कर दिया है। इस अग्निकांड के बाद सरकार ने घोषित किया कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। इसकी जांच के लिए गठित कमेटी में मुंबई दमकल विभाग के मुख्य फायर ऑफिसर भी हैं।

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भंडारा के सरकारी अस्पताल में हुए अग्निकांड में एफआईआर तक दायर नहीं हुई है। यह घटना 9 जनवरी 2021 को घटी थी जिसमें 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई है। पीड़ितों का हालचाल जानने मुख्यमंत्री, राज्यपाल सभी पहुंच गए लेकिन ऐसी दुर्घटना में जांच के पहले चरण में उठाए जानेवाले कदम पर प्रशासन मौन है।

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अस्पताल में लगी आग की उच्चस्तरीय जांच के आदेश मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तत्काल दे दिये थे। लेकिन प्रशासन इस मामले में अब तक एफआईआर तक दायर नहीं कर पाया है। बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को हिला दिया है। इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी पीड़ित परिवारों से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल जाकर स्थिति का जायजा लिया।

भंडारा पुलिस के अनुसार राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी इस मामले में जांच कर रही है। सरकार के अनुसार इसमें जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना है और इसी प्रकार रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा में भी बढ़ोत्तरी की गई है।

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बता दें कि, 9 जनवरी 2021 को भंडारा के सरकारी अस्पताल में आग लग गई थी। ये आग सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में लगी थी। इस वार्ड के दो कमरों में 17 बच्चे थे जिसमें से 10 बच्चे जिस वॉर्ड में भर्ती थे उसमें रखे गए सभी दस बच्चों की झुलसने से मृत्यु हो गई थी।

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