मानवता की सेवा का पवित्र पेशा है चिकित्सा क्षेत्र – Jagdeep Dhankhar

ह कहते हुए कि डॉक्टरों को भगवान का प्रेषक कहा जाता है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे लोगों में बहुत विश्वास जगाते हैं। हालाँकि, उपराष्ट्रपति ने कुछ प्रतिष्ठानों के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त की जो व्यावसायीकरण का रूप ले चुके हैं।

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फाइल चित्र

आंध्र मेडिकल कॉलेज (Andhra Medical College) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने लोगों को अस्पताल जाने से बचाने के लिए एक तंत्र पर काम करके आज समग्र चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता पर जोर दिया। सभी प्रकार के औषधीय उपचारों को मिलाने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि मानवता की बड़े पैमाने पर मदद के लिए एलोपैथी और हमारी सदियों पुरानी औषधीय चिकित्सा प्रणालियों (medicinal therapy systems) को एक साथ आना चाहिए।

उच्च नैतिक मानकों की संस्कृति की आवश्यकता
उपराष्ट्रपति (Vice President) ने चिकित्सा पेशे को एक पवित्र पेशा और मानवता की सेवा बताया। यह कहते हुए कि डॉक्टरों (doctors) को भगवान का प्रेषक कहा जाता है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे लोगों में बहुत विश्वास जगाते हैं। हालाँकि, उपराष्ट्रपति ने कुछ प्रतिष्ठानों के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त की जो व्यावसायीकरण का रूप ले चुके हैं। “हमें उच्च नैतिक मानकों की संस्कृति की आवश्यकता है, हमें एक इकोसिस्‍टम, एक स्व-विनियमन प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता है,” उन्होंने जोर देकर कहा कि उच्चतम उत्कृष्ट क्रम के नैतिक मानक इस पेशे के लिए सर्वोत्कृष्ट हैं, जिन्‍हें ईश्‍वर के बाद माना जाता है।

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