महाराष्ट्र में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर के दर अभी तक बंद हैं। इसे लेकर आंदोलन हो रहे हैं लेकिन मंदिर खोलने पर सरकार अभी तैयार नहीं है। ताजा जानकारी के अनुसार मंदिर अब दीपावली के बाद ही दर्शन के लिए खोले जाएंगे।
राज्य में मदिरा विक्रय शुरू हुआ, दुकानें खुलीं, मॉल खुले और मदिरालय खुले लेकिन मंदिर अब भी आम लोगों के दर्शन के लिए बंद हैं। सरकार के इस इस फैसले के विरुद्ध अब तिव्र गुस्सा लोगों में है। इसे लेकर आंदोलन भी शुरू हो गए हैं। इन मंदिरों से चलनेवाले व्यवसाय पूरी तरह से लॉकडाउन के बाद से बंद हैं। इन व्यवसाईयों ने मंदिर खोलने की मांग की है तो सियासत भी इसमें सम्मिलित हो गई है। भाजपा के धार्मिक सेल ने राज्य भर में आंदोलन शुरू कर दिया है।
मंदिर खोलने की मांग पर राज्य सरकार की बैठक में भी चर्चा हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि, “राज्य में सभी मंदिर दीपावली के बाद ही खुलेंगे। मंदिर बंद रहे ऐसा हमें भी नहीं लगता। लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए मंदिर खोलने के विषय में दीपावली के बाद ही मुख्यमंत्री चर्चा करके निर्णय लेंगे।”
कोरोना की दूसरी लहर नहीं
अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में कोरोना संक्रमण की संख्या में हल्की से बढ़ोतरी देखी गई। इसे लेकर ये आशंका व्यक्त की जा रही है कि क्या ये संक्रमण की दूसरी लहर है? इस पर डॉक्टरों की पैनी नजर बनी हुई है। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर आने की संभावना बहुत कम है और सभी परिस्थिति से निपटने में प्रशासन पूरी तरह से सक्षम है।
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