पूरे देश के साथ ही महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार कम हो रही है। इसका एक महत्वपूर्ण कारण राज्य सरकारों द्वारा लागू किए गए कड़े प्रतिबंध हैं। महाराष्ट्र पहली और दूसरी दोनों ही लहरों के दौरान संक्रमण और मौतों के मामले में प्रथम स्थान पर रहा। इस कारण यहां की उद्धव सरकार की चिंता बढ़ रही थी। लेकिन सरकार के लॉकडाउन जैसे कड़े प्रतिबंध के कारण अब राज्य में कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आई है। इसके बावजूद यहां करीब एक लाख लोगों की इस महामारी के कारण जान चली गई है, जबकि कुल संक्रमण के आंकड़े लाखों में हैं।
महाराष्ट्र का आंकड़ा डरावना
बता दें कि भारत उन सात देशों में शामिल है, जहां कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। लेकिन इनमें महाराष्ट्र का आंकड़ा काफी डरावना है। यहां मरनेवालों कोरोना मरीजों की संख्या फ्रांस में मरनेवालों के लगभग बराबर पहुंच गई है। बता दें कि फ्रांस में अब तक इस महामारी से एक लाख 19 हजार लोगों की मौत हो गई है।
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5 जून को सबसे कम मरीज
देश में कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी थी। तब यहां का महाविकास आघाड़ी सरकार ने इसे नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाए और ब्रेकद चेन के तहत प्रतिबंध लगाए। परिणामस्वरुप, राज्य में 5 जून को पिछले तीन महीनों में कोरोना मरिजों की संख्या सबसे कम रही। 5 जून को राज्य में कुल 13,659 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए। साथ ही 300 मरीजों की मौत हो गई। इसी के साथ राज्य में अब तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 99,512 हो गई है।
क्या कहती है सरकार?
उद्धव सरकार का कहना है कि पिछले दो सप्ताह से राज्य में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। परिणामस्वरूप, अगले कुछ दिनों में मौतों की संख्या में भी गिरावट आने की उम्मीद है।
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मुंबई में भी नीचे आया ग्राफ
महाराष्ट्र के साथ ही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पिछले चार दिनों से कोरोना रोगियों की संख्या में गिरावट आ रही है। यहां 5 जून को 866 मरीज पाए गए,जबकि 29 मरीजों की मौत हुई। इसके साथ ही वर्तमान में मुंबई में 16,133 कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है, जबकि यहां रिकवरी रेट 95 प्रतिशत है।