संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने से उसके हाथ-पांव फूल गए हैं। यहां की कोट लखपत जेल से उसका एक कथित वीडियो जारी किया गया है। इस कथित वीडियो में मक्की ने अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है। मक्की ने कहा कि उसे भारत की वजह से इस सूची में डाला गया है। ऐसा करने से पहले उसका पक्ष नहीं सुना गया। लाहौर की कोट लखपत जेल से जारी किए गए वीडियो में मक्की ने 1980 के दशक में इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद का फैकल्टी होने के आरोपों से भी इनकार किया। उसने कहा कि वह कभी भी इस्लामिक यूनिवर्सिटी में टीचिंग नहीं की है, वो कभी भी फैकल्टी नहीं रहा।
हमारी विचारधारा आईएसआईएस से विपरीत
मक्की ने दावा किया है कि वह ओसामा बिन लादेन, अयमान अल-जवाहिरी और अब्दुल्ला आजम से कभी नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में रह रहा मक्की कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ है। मक्की ने दावा किया कि अल कायदा और आईएसआईएस की हरकत उसकी विचारधारा के विपरीत हैं। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आतंकी अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग जुटाता है। वह कश्मीर में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वह भारत की एकता-अखंडता को तहस-नहस करने के लिए आतंकियों को भड़काता है। कुछ समय पहले पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में मक्की को छह महीने की सजा सुनाई थी।