राष्ट्रवादी इतिहासकार विक्रम संपत के विरुद्ध झूठा प्रचार करनेवाली ऑड्री ट्रश्के हैं कौन? क्यों कर रहीं है भारत का विरोध? जानें ये हैं कारण

ऑड्री ट्रश्के की पृष्ठभूमि ईसाई धर्म प्रचार, पाकिस्तानी सहायता पर पढ़ाई और हिंदुत्व के विरोध की रही है।

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ऑड्री ट्रश्के क्यों भारत, हिंदुत्व और भारत के राष्ट्रवादी विचारकों का विरोध कर रही हैं, यह सबसे बड़ा प्रश्न है। जिसके लिए रुत्जर्स विश्वविद्यालय की प्रोफेसर के वामपंथी संपर्कों और भारत में धर्मांतरण से संबंधित उनके लिंक को खंगालना आवश्यक है।

वैसे, विवादों से ऑड्री का पुराना संबंध है। हिंदुओं का विरोध, देवताओं का आपमान, भारत सरकार के प्रति झूठा प्रचार करना और वामपंथी विचारों के प्रचार के लिए तथ्यहीन बातों को फैलाना उनका पुराना काम है। इसके लिए कई बार उनके विरुद्ध अमेरिका में हिंदू संगठनों ने कार्रवाई की भी मांग की और हिंदू अमेरिकन फाऊंडेशन ने कोलंबिया जिला न्यायालय में याचिका दायर की थी। ओसिंट नामक एक वेबसाइट के अनुसार ऑड्री ट्रश्के के भारत, हिंदूत्व और राष्ट्रवादी इतिहासकारों के विरुद्ध षड्यंत्र रचने और उन्हें बदनाम करने के पीछे उनका पारिवारिक उद्देश्य भी है।

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ईसाई मिशनरी और धर्मांतरण से संबंध

  • ऑड्री ट्रश्के के ससुर (पति के पिता) नाथन रेन भारत के गिरिजाघरों और धर्मांतरण व्यवसाय से संबद्ध रहे हैं।
  • नाथन रेन कैलिफोर्निया के बाप्टिस्ट चर्च ऑफ मोन्टेरी में मुख्य पास्टर थे।
  • वर्ष 2000 में वे भारत आए थे, आरोप है कि, यहां उन्होंने अपना एक एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) खड़ा किया और उसके माध्यम से धर्मांतरण का कार्य शुरू कर दिया।
  • वर्ष 2008 में नाथन रेन ने बीमी (ब्लेस इंडिया मिनिस्ट्रीज़ इन्कॉर्परेटेड) की स्थापना की, इसका उद्देश्य था भारत को क्राईस्ट के लिए जीतना (टू विन इंडिया फॉर क्राईस्ट)
  • नाथन रेन की संस्था बीमी ने ‘क्राइस्ट द किंग ऑफ किंग्स मिनिस्ट्रीज़ वेलफेयर असोसिएशन’ (सीकेकेएमडब्लूए) को अकूत धन सहायता की। आरोप है कि, वर्ष 2010 से 2017 के बीच बीमी ने सीकेकेएमडब्लूए को करोड़ों रुपए चर्च के निर्माण और धर्मांतरण कार्य के लिए प्रदान किये।पाकिस्तान से रहा है संबंध
  • ऑड्री ट्रश्के के पति थेन रेन अपने पिता नाथन रेन के साथ भारत में रह चुके हैं। वे यहां पिता के एनजीओ के लिए कार्य करते थे। इसके अलावा थेन रेन पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग में इंटर्न के रूप में कार्य कर चुके हैं
  • वर्ष 2012-13 में ऑड्री ट्रश्के ने अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ पाकिस्तान स्टडीज़ (एआईपीएस) की फेलोशिप प्राप्त की। यह संस्था पाकिस्तान के हितों का अमेरिका में प्रचार प्रसार करती है।

हिंदू देवी देवताओं का अपमान
ऑड्री ट्रश्के निरंतर हिंदूत्व विचारों, भारत के राष्ट्रीय मूल्यों और राष्ट्रवादी विचारकों और इतिहासकारों के विरुद्ध षड्यंत्र रचती रही हैं। इसका साक्ष्य उनका ट्विटर हैंडल है, जिससे वे दुष्प्रचार का कार्य करती रही हैं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर भगवान राम और सीता को लेकर अशोभनीय टिप्पणियां कीं। यह ट्वीट 20 अप्रैल, 2018 का था।

इसके अलावा महाभारत में द्रौपदी का उद्धरण करते हुए भी उन्होंने टिप्पणियां अपने ट्विटर हैंडल से साझा की हैं।

संशोधित नागरिकता कानून पर विद्वेश फैलाना
ऑड्री ट्रश्के ने 10 जनवरी, 2020 को एक ट्वीट किया, जिसमें वे लिखती हैं, भारत सरकार ने आज 10 जनवरी, 2020 को सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट की घोषणा की है। यह खुले रूप से भेदभावपूर्ण विधेयक है, जो भारत के कई मुस्लिमों की नागरिकता छीन लेगा।

ऑड्री का यह दावा पूर्ण रूप से निराधार था, भारत सरकार द्वारा लाया गया संशोधित नागरिकता कानून इस्लामी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान समेत अन्य देशों में जहां हिंदू, ईसाई, जैन और सिख अल्पसंख्यक हैं और उन पर बहुसंख्य मुसलमान अत्याचार कर रहे हैं। उन्हें शरणार्थी की श्रेणी से उबारकर नागरिकता देने का अधिकार प्रदान करता है। यानि यह कानून नागरिकता देता है, न कि छीनता है।

ऑड्री ट्रश्के के ससुर और पति द्वारा भारत में धन भेजकर धार्मांतरण करना और चर्च निर्माण करवाने का कार्य केंद्र सरकार द्वारा एफसीआरए कानून लाए जाने के बाद ठप हो गया है।

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