करवा चौथ 2021ः जानिये, शुभ मुहूर्त और इस वर्ष यह पर्व क्यों है खास!

इस दिन रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और उसका पूजन होगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 24 अक्टूबर को 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी।

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करवा चौथ का त्योहार पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस वर्ष यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानी 24 अक्टूबर को 2021 को मनाया जा रहा है। विशेष बात यह है कि पांच साल के उपरांत इस बार इस पर्व पर विशेष योग बन रहा है।

करवा चौथ का इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र में पूजन हो रहा है, वहीं रविवार का दिन होने से व्रती महिलाओं को सूर्य भगवान का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।

इस वर्ष यह पर्व है विशेष
बता दें कि इस त्योहार के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इससे पहले 8 अक्टूबर 2017 को रविवार के दिन यह व्रत पड़ा था। इस वर्ष भी 24 अक्टूबर, रविवार को यह व्रत मनाया जा रहा है। रविवार का दिन सूर्य देवता का दिन माना जाता है। सूर्य देव स्वास्थ्य और दीर्घायु होने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन महिलाएं सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। शुभ मुहूर्त में पूजन करने से व्रती महिलाओं की कामना पूर्ण होती है।

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पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और उसका पूजन होगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 24 अक्टूबर को 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। चांद निकलने का समय 8 बजकर 11 मिनट पर है। लेकिन अलग-अलग शहरों में चांद निकलने के समय में कुछ मिनट का अंतर होगा। पूजन का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक है।

आपके शहर में कब निकलेगा चांद
गाजियाबादः 08 बडकर 06 मिनट पर
हरियाणाः 08 बजकर 10 मिनट पर
लुधियानाः 08 बजकर 07 मिनट पर
कानपुरः 08 बजे
प्रयागराजः 07 बजकर 56 मिनट पर
इंदौरः 08 बजकर 56 मिनट पर
मुरादाबादः 07 बजकर 58 मिनट पर
जयपुरः 07 बजकर 46 मिनट पर
पचनाः 98 बजकर 46 मिनट पर

पूजा विधि

  • सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सरगी के रुप में भोजन करें।
  • पानी पीने के बाद देवों के देव भगवान गणेश की पूजा करने के बाद निर्जला व्रत का शुभारंभ करें।
  • शाम तक कुछ न खाएं। पानी भी न पिएं।
  • पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें और इसमें करवा रखें।
  • एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर रखें और घी का दीपक जलाएं।
  • पूजा चांद के निकलने के एक घंटे पहले शुरूर करें।
  • चांद के दर्शन कर व्रत खोलें।
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