कानपुर अग्निकांड: एक्शन में योगी सरकार, एसडीएम सहित इन पर कार्रवाई

मड़ौली गांव में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की मौजूदगी में कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी उसके पास लगे सरकारी नल और मंदिर को तोड़ दिया गया था। ढहाई गई झोपड़ी में आग लगने से अंदर मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी की जिंदा जलने से मौत हो गई।

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कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां और बेटी जिंदा जल गई थी। इस मामले में योगी सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जेसीबी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को निलंबित कर दिया गया है। थाना प्रभारी को भी छुट्टी पर भेज दिया गया है। पुलिस ने 23 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

जिंदा जल गई थीं मां-बेटी
रूरा थाने के मड़ौली गांव में 13 फरवरी को एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की मौजूदगी में कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी उसके पास लगे सरकारी नल और मंदिर को तोड़ दिया गया था। ढहाई गई झोपड़ी में आग लगने से अंदर मौजूद कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और बेटी नेहा की जिंदा जलने से मौत हो गई, वहीं कृष्णा गोपाल भी गंभीर रूप से झुलस गए थे। कृष्ण गोपाल के बेटे शिवम की तहरीर पर एसडीएम मैथा सहित कई लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था।

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परिजनों की यह है मांग
घटना के 18 घंटे बीत जाने के बाद भी परिजनों ने तक शव को नहीं उठाया है। परिजनों की मांग है कि मुख्यमंत्री को गांव में बुलाया जाए और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा पांच करोड़ रुपए मुआवजा, दोनों बेटों के नाम पांच-पांच बीघा जमीन, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग कर रहे हैं। घटना के बाद से गांव में तनाव बना हुआ है। एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

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