जौनपुरः अमेरिकी मूल के मुस्लिम जोड़े ने मंदिर में रचाई शादी, भारतीय संस्कृति को लेकर कही ये बात

अमेरिका के मुस्लिम युवक कियमाह दिन खलीफा अपनी प्रेमिका केशा खलीफा के साथ भारत में घूमने आए हैं। दोनों ने वाराणसी के घाटों, मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थानों का भ्रमण किया।

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भारत भ्रमण पर आए अमेरिकी मूल के मुस्लिम युवा कपल को भारतीय संस्कृति ऐसा भाया कि दोनों ने हिन्दू रीति रिवाज से 18 सितंबर को बाबा भोलेनाथ को साक्षी मानकर जौनपुर के त्रिलोचन महादेव के मंदिर में शादी कर ली। इतना ही नहीं दोनों ने शादी से पूर्व वाराणसी के एक ज्योतिष से अपनी जन्मकुंडली भी बनवाई। अमेरिकी मुस्लिम युवक युवती के हिन्दू परम्परा के अनुसार शादी करने की चर्चाएं हो रही हैं।

अमेरिका के मुस्लिम युवक कियमाह दिन खलीफा अपनी प्रेमिका केशा खलीफा के साथ भारत में घूमने आए हैं। दोनों ने वाराणसी के घाटों, मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थानों का भ्रमण किया। अमेरिकी कपल को भारतीय संस्कृति से प्रेम हो गया। कियमाह ने गाइड राहुल दुबे से किसी ज्योतिष से मिलने की इच्छा जाहिर की, तो राहुल ने दोनों को ज्योतिष गोविंद से मिलवाया। ज्योतिष ने दोनों की कुंडली तैयार की। उसके बाद पिछले 18 वर्षों से रिलेशनशिप रह रहे कियमाह दिन खलीफा अपनी प्रेमिका केशा खलीफा ने हिन्दू परम्परा के अनुसार शादी करने का फैसला लिया।

इस तरह रचाई गई शादी
-शादी के लिए गाइड के साथ वाराणसी के कैथी गांव में स्थित मार्कण्डेय महादेव मंदिर गए। इस धाम में शादी का रजिस्ट्रेशन न होने के कारण गाइड जौनपुर के त्रिलोचन महादेव मंदिर ले आया। इस मंदिर पर अमेरिका से आए मुस्लिम जोड़े कियामह दीन खलीफा और उनकी पत्नी केशा ने शनिवार को त्रिलोचन महादेव मंदिर में हिंदू रीति रिवाज से शादी की। दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे भी लिए और मंत्रोच्चारण के साथ सिंदूरदान अदा किया गया। वे कागजात साथ में नहीं लाए थे जिसके कारण शादी का सर्टिफिकेट लिए बिना वापस लौट गए।

-17 सितंबर को सर्टिफिकेट लेने आए कियामह और केशा के साथ आए पंडित गोविंद शास्त्री ने बताया कि हम लोग शादी के लिए 18 सितंबर को पहले कैथी मारकंडेय महादेव गए थे जहां शादी का आयोजन बंद होने की जानकारी मिली तो वहां से त्रिलोचन महादेव मंदिर आए और हिंदू रीति रिवाज से शादी की सारी रस्में पूरी की और चले गए। बाद में मंदिर कमेटी को पासपोर्ट वीजा और गवाहों के आधार कार्ड देकर शादी होने का सर्टिफिकेट मंदिर कमेटी से प्राप्त किया।

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