गुम गई योजना, लुट रही मुंबई!

मुंबई मनपा क्षेत्र में आरक्षित भूखंड मनपा द्वारा अपने अधिकार में लिया जाना अनिवार्य है। लेकिन जिन भूखंडों पर सौ प्रतिशत अतिक्रमण हैं ऐसे भूखंडों पर मनपा का पैसा खर्च करने से हानि होती है। इसीलिए शहर की नई विकास योजना के अंतर्गत ऐसे भूखंडों का संपादन समायोजित आरक्षण विधि से किया जाए इसका प्रावधान किया गया था।

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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की सेहत को बृहनमुंबई महानगर पालिका दुरुस्त रखती है। इसे विकास योजना के अंतर्गत नियंत्रित किया जाता है। लेकिन, आरक्षित भूखंड संपादन को लेकर जो नए प्रावधान किये गए हैं वो मनपा की फाइलों में गुम गए हैं जिसके कारण मनपा की तिजोरी से करोड़ो रुपए पूर्णरूप से अतिक्रमणग्रस्त भूखंड के लिये दिये जा रहे हैं।

मुंबई मनपा क्षेत्र में आरक्षित भूखंड मनपा द्वारा अपने अधिकार में लिया जाना अनिवार्य है। लेकिन जिन भूखंडों पर सौ प्रतिशत अतिक्रमण हैं ऐसे भूखंडों पर मनपा का पैसा खर्च करने से हानि होती है। इसीलिए शहर की नई विकास योजना के अंतर्गत ऐसे भूखंडों का संपादन समायोजित आरक्षण विधि से किया जाए इसका प्रावधान किया गया था। इस विषय में नई नीति सुधार समिति के समक्ष पेश की गई थी। जिसमें सदस्यों ने कई बदलाव का सुझाव दिया था। इसी कारण अब दहीसर के भूखंड की खरीदी को लेकर भी प्रश्न उठ रहे हैं कि आखिर 2.55 करोड़ रुपए में जिस भूखंड को बिल्डर ने खरीदा था उसे मुंबई मनपा ने 900 करोड़ रुपए में कैसे खरीदा।

कहां गई नीति?

मुंबई मनपा के गट नेताओं की बैठक में तत्कालीन मनपा आयुक्त प्रवीणसिंह परदेशी ने अतिक्रमणग्रस्त भूखंडों के संपादन पर एक नीति, सुधार समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था। इसे समिति में 3-4 बार अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया था जिसमें सदस्यों ने बदलाव के सुझाव दिये। जिसके बाद आयुक्त ने सदस्यों को जानकारी दी थी कि सुझावों को सम्मिलित करके सुधारित नीति को नगर विकास विभाग के पास सहमति के लिए पेश किया जाएगा। लेकिन अब न वो आयुक्त रहे और न ही उस सुधारित नीति का अता पता है।

क्या था नई नीति में?

  • आरक्षित भूखंड की कीमत 50 करोड़ से अधिक होने पर संपादन नहीं
  • अति-अतिक्रमणग्रस्त भूखंडों का संपादन नहीं
  • एसआरए के अंतर्गत विकसित भूमि पर सुझाव अमान्य

क्या है इस निर्णय का कारण?

  • ऐसे भूखंडों की सीमा अनिश्चित होती है
  • भूखंड खाली करवाना कई बार असंभव
  • विकास करवाना संभव नहीं होता

विकास नियोजन विभाग के अंतर्गत जो नीति नगर विकास विभाग को भेजना था वह भेजा गया क्या? यदि भेजा गया था तो वो सुधार समिति के गट नेताओं के समक्ष क्यों पेश नहीं किया गया? यदि यह नीति प्रतीक्षित है तो दहिसर के आरक्षित भूखंड के क्रय को स्थगन देकर नए प्रस्तावित नीति के अनुसार प्रक्रिया क्यों नहीं की गई?
रवि राजा, नेता प्रतिपक्ष, मुंबई मनपा

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