एनसीपी का मिशन 2022, फतह बीएमसी

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शिवसेना और कांग्रेस के साथ महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी की सरकार चला रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तेजी से अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है। इसी रणनीति के तहत फिलहाल 9 नगरेसवकों वाली एनसीपी 2022 में होनेवाले महानगरपालिका चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखकर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी सांसद सुप्रिया सुले खुद सक्रिय हैं। मुंबई में पार्टी में कोई बड़ा नेता नहीं है। इस हालत में तालुका और विभाग स्तर के पदाधिकारी भी लोगों की समस्याओं के समाधान की कोशिश कर पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं।

काग्रेस- एनसीपी में आक्रामक नेता का अभाव
मुंबई में कांग्रेस और एनसीपी की अस्तित्व की लड़ाई शुरू है। लेकिन दोनों ही पार्टियो में आक्रामक नेता का अभाव है। इसका फायदा एनसीपी चीफ शरद पवार ने उठाना शुरू किया है। उनकी इसी रणनिति की वजह से शिवसेना के साथ सरकार में हिस्सेदार एनसीपी की ताकत मुंबई में पिछले दिनों से बढ़ी है। अपनी पार्टी के जनाधार और मजबूत करने के लिए पवार पार्टी के मंत्रियों के साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी सहयोग ले रहे हैं।

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2022 में सबसे बड़ी पार्टी बनाने का लक्ष्य
मुंबई महानगरपालिका शिवसेना के लिए सोने के अंडे देनेवाली मुर्गी है। लेकिन अब एनसीपी की कोशिश है कि 2022 के बीएमसी चुनाव में वह सबसे अधिक सीटें जीतकर मनपा पर अपना वर्चस्व स्थापित करे।। इसी रणनीति के मद्देनजर वह देश की आर्थिक राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों  में अपनी ताक बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है। इसके लिए हर हफ्ते पार्टी के मंत्रियों का दरबार लगता है। जिसमें लोगों की समस्याओं को सुलझाने का काम कर पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश की जाती है।

अजित पवार बनाम सुप्रिया सुले
पिछले कुछ साल में एनसीपी को मुंबई में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कुछ वर्ष पहले तक ईशान्य मुंबई में संजय दिना पाटील, दक्षिण मुंबई में सचिन अहिर और उत्तर मुंबई में प्रकाश सुर्वे पार्टी के मजबूत और आक्रामक नेता हुआ करते थे। लेकिन इन तीनों ने शिवसेना का दामन थम लिया है। इस वजह से एनसीपी के गढ़ माने जानेवाले क्षेत्रो में भी पार्टी कमजोर हो गई है। फिलहाल मुंबई में एनसीपी का नेतृत्व करनेवाले एक ही नेता दिखते हैं, वो हैं नवाब मालिक। लेकिन मलिक अजित पवार गुट के नेता माने जाते हैं। सुप्रिया सुले गुट के सभी नेताओं ने शिवसेना का दामन थाम लिया है। इस वजह से सुप्रिया सुले के लिए मुंबई में अपना वर्चस्व जमाना आसान नहीं है।

सुप्रिया सुले के हाथ में कमान
फिलहाल सुप्रिया सुले मुंबई की कमान अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रही है। वह अपना कार्यकर्ता तैयार कर अपने चचेरे भाई अजित पवार को हाशिये पर करना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने अजित पवार गुट के किरण पावसकर और संतोश धुवाली को साइडलाइन करना शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि सुप्रिया सुले पार्टी के मुंबई अध्यक्ष को बदलकर अपनी पसंद के नेता को इस पद पर बैठाना चाहती हैं। बीएमसी में एनसीपी गुट की नेता राखी जाधव और सिद्धिविनायक न्यास के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र राणे उनके पसंद के नेता बताए जाते हैं।

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