वाट्सएप द्वारा नए नियम को यूजर्स की प्राइवेसी के उल्लंघन करने वाला बताने पर केंद्र सरकार ने कंपनी को करारा जवाब दिया है। आईटी मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि भारत सरकार लोगों की निजता के अधिकार का सम्मान करती है और उसका उल्लंघन का कोई इरादा नहीं है। नए नियमों के मुताबिक वाट्सएप को केवल ऐसे लोगों के बारे में बताना होगा, जिन्होंने किसी एक निश्चित संदेश को आगे बढ़ाया होगा।
इस बारे में और स्पष्ट करते हुए आईटी मंत्रालय ने कहा कि ऐसा भी तभी होगा, जब किसी संदेश से संभीवित हिंसा और नफरत को रोकने की आवश्यकता होगी। किसी यौन अपराध या अन्य तरह के गंभीर मामले में ही इस तरह का नियम लागू होगा।
सरकार ने उठाया सवाल
आईटी मंत्रालय ने वाट्सएप की प्राइवेसी पर हमला करते हुए कहा कि एक तरफ वाट्सएप कह रहा है कि यूजर्स का डाटा पेरेंट कंपनी फेसबुक से साझा किया जाएगा। इस प्राइवेट पॉलिसी को वह यूजर्स के लिए अनिवार्य बनाने की बात कह रहा है और दूसरी ओर कानून-व्यवस्था को बनाए रखने तथा फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए जरुरी नियम को रोकने के लिए वह हर संभव कोशिश कर रहा है।
निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है
सरकार निजता के अधिकार का सम्मान करती है और #WhatsApp से एक विशेष संदेश के लेखक का खुलासा करने की जरूरत के लिए कहने के पीछे इसके उल्लंघन का कोई इरादा नहीं है : केंद्रीय मंत्री @rsprasad
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) May 26, 2021
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वाट्सएप का तर्क
बता दें कि वाट्सएप की ओर से आईटी मंत्रालय के नये नियमों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है। वाट्सएप का कहना है कि किसी यूजर का खुलासा करना प्राइवेसी पॉलिसी का उल्लंघन होगा।
वाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा है कि मैसेजिंग ऐप के लिए चैट पर नजर रखने की आवश्यकता, उन्हें वाट्सएप पर भेजे गए हर एक मेसेज का फिंगरप्रिटं रखने के लिए कहने के बराबर है। प्रवक्ता ने कहा कि यह एंड टू एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगो के निजता के अधिकार का उल्लंघन करेगा।