ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बीच वजूखाने में नंदी के ठीक सामने मिले शिवलिंग की पूजा अर्चना को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। डॉ कुलपति तिवारी ने 22 मई को बताया कि वाद दाखिल करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। 23 मई को वाद दाखिल कर दिया जाएगा।
डा. कुलपति तिवारी ने कहा कि बाबा सबके हैं। हर कोई बाबा की पूजा करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन पूजन अर्चना के साथ ही साथ राग भोग और श्रृंगार की व्यवस्था भी शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए इसके लिए महंत परिवार को यह दायित्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा विश्ववेश्वर दरबार में पूजा पाठ का दायित्व उनके पूर्वज ही निभाते रहे हैं।
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साढ़े तीन सौ वर्षों के बाद जब पुन: शिवलिंग सामने आया है तो उनकी नित्य पूजा अर्चना भी आरंभ हो जानी चहिए। उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं की टीम ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर वकालतनामा तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि मस्जिद के तहखाने में कई और शिवलिंग विराजमान हैं। पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी ने कहा कि काशी के कण-कण में शंकर बसे हैं। यह भगवान शंकर का आनंद कानन है। ऐसे में यह कहना कि शिवलिंग मिले हैं गलत है क्योंकि वो वहां पहले से ही विराजमान है। इसकी गवाही स्वयं नंदी बाबा वर्षों से दे रहे हैं।
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