अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका ‘इस’ सर्वोच्च टिप्पणी के साथ खारिज

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आपकी याचिका में नरसंहार, भड़काऊ भाषण, पूर्व चीफ जस्टिस समेत कई चीजों को मुद्दा बनाया गया है।

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सर्वोच्च न्यायालय ने देश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ते भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आपकी याचिका में नरसंहार, भड़काऊ भाषण, पूर्व चीफ जस्टिस समेत कई चीजों को मुद्दा बनाया गया है।

यह याचिका हरप्रीत मनसुखानी ने दायर की है। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत देश के कई नेताओं को पक्षकार बनाया गया था।

याचिकाकर्ताओं से पूछा सवाल
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा यह किस तरह की याचिका है। इसमें अलग-अलग कई तरह के विषयों को उठाया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसे भाषणों के विरुद्ध सरकारी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। पहले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता का यह दावा सही हो सकता है कि भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने की जरूरत है क्योंकि वे देश में माहौल दूषित कर रहे हैं।

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