भारत के किसान आंदोलन में विदेशी कलाकारों ने उत्तेजना पैदा कर दी। लेकिन ये भी जानना आवश्यक है कि इस उत्तेजना के पीछे के हाथों के पीछे कौन है? आखिर रिहाना, थनबर्ग, मिया खलीफा, मीना हैरिस नामक ये जो बलाएं गले में पड़ी हैं उन्हें किसने फीड किया है कि भारत में किसान आंदोलन चल रहा है और सरकार उसे दबा रही है?
- रिहाना : तो भाई बता दें कि, इस कैरिबियन आइलैंड की गायिका रिहाना को तो अपणे देश की भी खबर पूरी ना होवे है और वो ट्वीटर पे किसानों के लिए आंसू बहाए जा रही है। तो बात ये है कि इस रिहाना नाम की मुंडी के पीछे एक मुंडा है जिसका नाम है जगमीत सिंह। इसे ये सार्वजनिक रूप से बताता भी है। आप भी देख लो…
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Jagmeet Singh who is accused of terror funding praising & showing off his friendship with Rihanna
Now you can understand how Rihanna got the 'motivation' for tweet supporting Farmer Protest pic.twitter.com/hHenXnB6n3
— Amit Kumar (@AMIT_GUJJU) February 3, 2021
वैस ये मुंडा कनाडा में रहता है और वहां पर 2017 से न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का नेता है 2019 से मेंबर ऑफ पार्लियामेंट है। जस्टिन ट्रेड्यू की सरकार में ये भी शामिल है। इसीलिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रैड्यू और जगमीत सिंह का भारत विरोध ओपन सीक्रेट है। खालिस्तान के लिए पैसे जमा करना, प्रोपेगेंडा करवाना इसकी विशेषता है। इसके लिए 2014 में भारत सरकार ने उसका वीजा आवेदन ठुकरा दिया था।
- ग्रेटा थनबर्ग : रिहाना के अलावा भारत सरकार के विरोध में ट्वीट करनेवालों में ग्रेटा थनबर्ग भी हैं। वैसे ये ग्रेटा थनबर्ग है तो पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर कार्य करनेवाली कार्यकर्ता लेकिन अचानक उन्हें भी किसानों के प्रति दया-माया जाग गई। उन्होंने तो बाकायदा एक टूल किट भी जारी कर दिया जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरने के दिशा निर्देश दिये गए थे। ग्रेटा को सोशल मीडिया पर जगमीत सिंह फॉलो करता है।
- कांग्रेस ने उठाया ग्रेटा का ‘टूल किट’?
सरकार के विरोध में सबकुछ करना इन दिनों कांग्रेस का परम कर्तव्य बन गया है। केरल महिला कांग्रेस ने अपना कर्तव्य निभाते हुए ग्रेटा थनबर्ग के टूल किट का कुछ हिस्सा लिया और अपने ट्विटर हैंडल पर जारी कर दिया। इसके बाद पार्टी में हो सकता है ये बात उठी हो कि अंतरराष्ट्रीय मिलीभगत को सार्वजिनक क्यों कर दिया? तो तुरंत उसे डिलीट कर दिया गया। लेकिन तब तक वो स्क्रीन ग्रैब हो चुका था।
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- मीना हैरिस : अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस ने भी किसानों के लिए ट्वीट कर आंसू बहा दिया। अब ये मीना हैरिस भी सोशल प्लेटफार्म पर जगमीत सिंह से जुड़ी हुई है। मीना हैरिस को अमेरिका में अश्वेतों को जब मारा जाता है तब ट्वीट करना नहीं आता लेकिन भारत में पुलिस पर हमले करनेवाले किसान बराबर दिखते हैं।
- मीया खलीफा : इस पोर्न अभिनेत्री का भी दिल किसानों के लिए पसीज गया। मिया ने रिहाना और ग्रेटा के ट्वीट को लाइक करते हुए किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया।
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ये है जगमीत सिंह
जगमीत सिंह का नाम जिम्मी धालीवाल है। उसके माता-पिता भारतीय थे और कनाडा में बस गए थे। जगमीत अधिवक्ता और राजनीतिज्ञ है।
- 2017 में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का नेता बना
- 2019 में कनाडा संसद का सदस्य चुना गया
खालिस्तानी आतंकियों का खुला समर्थक
- जगमीत सिंह भारत विरोधी खालिस्तानियों का कनाडा में नेता है। वो सिखों की कई संस्थाओं से जुड़ा हुआ है जो खालिस्तान का समर्थन करती हैं।
- सिख फॉर जस्टिस का कनाडा में बड़ा चेहरा
- 2015 मे सैन फ्रांसिस्को में संपन्न खालिस्तान रैली में स्टेज पर था। इसमें खालिस्तानी आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले का बड़ा पोस्टर लगा था।
- 2016 में खालिस्तान के समर्थन में संपन्न सेमिनार में शामिल हुआ। इसमें जगमीत सिंह ने राजनीतिक हिंसा के उपयोग से सिखों के लिए भारत में स्वतंत्र देश की वकालत की।
- 2017 में जगमीत सिंह ने ही कनाडा में 1984 के सिख विरोध दंगे को नरसंहार घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया था।
जगमीत सिंह वैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कई लोगों को फॉलो करता है जिसमें भारत से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पाकिस्तानी मलाला युसुफजई, राणा अयूब आदि भी हैं।
एक और खालिस्तानी मैदान में…
कृषि कानून को रद्द करना हमारे पहले संघर्ष की शुरआत है। खालिस्तानी और कृषि कानून के विरोध का झंडा एक ही आंदोलन है।
M Dhaliwal standing in the entrance of visa Consulate office in Vancouver on 26 JANUARY his uncle a Khalistani was killed by Punjab police after 1984 Riots pic.twitter.com/6RNXNrZC8N
— Naveen Kapoor (@IamNaveenKapoor) February 5, 2021
26 जनवरी को एएनआई के पत्रकार ने ये वीडियो शूट किया था जिसमें कनाडा के वैंकूवर दुतावास कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया था। जिसमें एम धालीवाल ने कहा यदि कृषि कानून कल रद्द कर दिये जाते हैं तो वो जीत नहीं है। ये संघर्ष कृषि कानूनों के खत्म होने से शुरू होगा। कोई तुम्हें कहता हो कि कृषि कानून खत्म किये जाने के बाद ये खत्म हो जाएगा तो वो तुम्हारी ऊर्जा को खत्म करने का प्रयत्न कर रहा है। वो ये कहने का प्रयत्न कर रहा है कि तुम पंजाब और खालिस्तान के आंदोलन से अलग हो।
yet bollywood tattu's came out with same script – @akshaykumar @SunielVShetty @ajaydevgn – they should check out these writers. we can help $ – we got Riri on payroll!
almost 200 farmers lives lost since Nov 26/20
no internet, no water, blockaded#FarmersProtest #AskIndiaWhy https://t.co/CCjHgsz6f3— Anita Lal (@neeti420) February 4, 2021
ये पोएटिक जस्टिस फाउंंडेशन के जरिये भारत के विरुद्ध विष उगल रहा है। इसमें एम.धालीवाल के साथ अनिता लाल नामक महिला भी है जो संस्था के जरिये ग्रेटा थनबर्ग, मीना हैरिस का साथ दे रही है।
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