केरल में कोरोना पर कंट्रोल नहीं! विशेषज्ञों ने कहा-इस मॉडल को अपनाए सरकार

केरल अकेला राज्य है, जिसकी वजह से पूरे देश की चिंता बढ़ रही है। यह एक बार फिर कोरोना का केंद्र बनकर उभरा है।

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देश में पिछले करीब दो महीने में सबसे अधिक 47 हजार से ज्यादा नए केस 2 सितंबर को आए। इसमें करीब 70 प्रतिशत अकेले केरल में आए। इसी के साथ देश में कोरोना से ग्रस्त 509 लोगों ने दम तोड़ दिया। इनमे से एक तिहाई मौतें केरल में हुईं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 47092 कोरोना के नए मामले पाए गए हैं।इसके संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 32857937 पहुंच गया है, जबकि 509 मौतों के साथ मृतकों का आंकड़ा 439529 तक पहुंच गया है। 63 दिन पहले कोरोना के सबसे अधिक नए मामले 48786 पाए गए थे।

केरल बना कोरोना का केंद्र
केरल अकेला राज्य है, जिसकी वजह से पूरे देश की चिंता बढ़ रही है। यह एक बार फिर कोरोना का केंद्र बनकर उभरा है। पिछले कई दिनों से देश के 70 प्रतिशत मामले इसी प्रदेश में आ रहे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए होम क्वारंटाइन से संबंधित नियमों के उल्लंघन को जिम्मेदार माना है।

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सरकार और विपक्ष आमने-सामने
कोरोना केस बढ़ने के कारण प्रदेश में सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। विपक्ष ने इसके लिए राज्य सरकार के गलत फैसलों को जिम्मेदार ठहराया है। विपक्ष का आरोप है कि मोपला दंगों की बरसी मनाने की छूट दिए जाने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है। वहीं सरकार का कहना है कि होम क्वारंटाइन के नियमों के पालन नहीं करने के कारण कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 35 प्रतिशत मरीज अपने घरों में ही क्वारंटाइन हैं।

विशेषज्ञों ने सुझाए ये उपाय

  • भीड़ नियंत्रण करने के लिए दुकानें नियमित रुप से खोली जाएं
  • त्याहारों के समय ज्यादा ढील न दी जाए
  • भीड़ जुटाने की छूट न दी जाए
  • टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जाए
  • कोरोना रोधी नियमों का हर हाल में पालन किया जाए

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