543 में से 300 मुस्लिम सांसदों को लोकसभा भेजने की साजिश? पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने किया ये दावा

जीएसबी मंदिर ट्रस्ट, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ और हिंदू जनजागृति समिति के सहयोग से स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सावरकर सभागृह में 'मंदिर-संस्कृत रक्षा सभा' ​​का आयोजन किया गया।

340

जहां रूढ़िवादी हिंदू समाज राजनीतिक नेताओं के प्रलोभनों के आगे झुक जाता है, वहीं उसका दुश्मन 543 मुस्लिम सांसदों में से 300 को लोकसभा में भेजने की साजिश रच रहा है। वे राजनीतिक दलों के एजेंडे और घोषणापत्रों में फंसे बिना अपनी भूमिका आगे बढ़ा रहे हैं। उनका सपना 300 सांसदों की ताकत वाला इस्लामिक राष्ट्र घोषित करना है। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि मुसलमानों की साजिश है कि सेना आपकी है, पुलिस आपकी है, सरकारी अधिकारी आपके हैं, लेकिन ‘सरकार’ हमारी है।

मुसलमान चाहते हैं पूरी दुनिया का इस्लामीकरण
जीएसबी मंदिर ट्रस्ट, महाराष्ट्र मंदिर महासंघ और हिंदू जनजागृति समिति के सहयोग से स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के सावरकर सभागृह में ‘मंदिर-संस्कृत रक्षा सभा’ ​​का आयोजन किया गया था। इस सभा में वे बोल रहे थे। कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हम इस समय ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां दुश्मन ने अपना चेहरा, पहचान, विचार छुपाया नहीं है। इसके विपरीत, वह बेशर्मी से कह रहा है कि मेरे धर्मग्रंथों में लिखा है कि जो कोई मेरे अल्लाह और उसके रसूल पर विश्वास नहीं करेगा, उसका सिर काट दिया जाना चाहिए। यानी वे पूरी दुनिया का इस्लामीकरण करना चाहते हैं। कुलश्रेष्ठ ने अपील भी की कि अब समय आ गया है कि रूढ़िवादी हिंदू समाज सतर्क हो जाए और अपनी सामूहिक ताकत दिखाए।

हिंदुओं के मंदिरों पर सरकार का कब्जा
हमारे मंदिरों पर विदेशियों ने नहीं बल्कि हमारे अंदर छुपे कुछ भेड़ियों ने कब्जा कर लिया है। सरकार ने हिंदुओं के मंदिरों पर कब्ज़ा कर लिया, लेकिन मस्जिद-मदारियों को कभी नहीं छुआ। अतः ऐसी दुष्प्रवृत्तियों का उपचार सबसे पहले किया जाना चाहिए। कुलश्रेष्ठ ने यह भी आरोप लगाया कि मुसलमानों ने अपने स्वार्थ के लिए पूरे रूढ़िवादी हिंदू समाज को घेर लिया है।

Asian Games 2023: भारत ने पाकिस्तान को चटाई धूल, हॉकी में दर्ज की ऐतिहासिक जीत

संस्कृति की रक्षा के लिए सरकार का भरोसा
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि समय के साथ धर्म को समझने का तरीका बदल गया है। दूरसंचार क्रांति के युग में अगर हम नई पीढ़ी को 100 साल पुराने तरीके से पढ़ाएंगे तो उन्हें लगेगा कि कोई उन पर अपने विचार थोपने की कोशिश कर रहा है। सेना, पुलिस, सरकारी कर्मचारियों और अन्य सभी क्षेत्रों में ड्रेस कोड की तरह ही इस समय मंदिरों में भी ड्रेस कोड लागू करने का मुद्दा सामने आ रहा है। इसका मतलब है कि हम चाहते हैं कि सरकार हमारी संस्कृति की रक्षा करे। लेकिन, हमने अपने बेटे-बेटियों को यह क्यों नहीं सिखाया कि घर में मंदिर जाते समय उन्हें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए? उन्होंने यह भी पूछा कि हम ऐसा क्यों सोच रहे हैं कि हर समस्या का समाधान कानून है और उसका हल सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। अपने दुश्मन से सीखो, वह इतना मजबूती से खड़ा होता है कि सरकार उसके लिए अपने कानून तक बदल देती है। उन्होंने कहा, क्योंकि यह सामूहिक शक्ति पर निर्भर करता है।

सरकार हिंदू राष्ट्र नहीं बना सकती
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हर कोई चाहता है कि भारत हिंदू राष्ट्र बने, लेकिन, हम सरकार की ओर से इसकी घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। क्या भारत के हिंदू राष्ट्र बन जाने से हमारे बीच के दलाल ख़त्म हो जायेंगे? वर्तमान समय में राजनीतिक दलों में चोर इतने व्याप्त हैं कि वे हर स्तर पर प्रलोभन की राजनीति कर रहे हैं। ऐसा देखा जा रहा है कि वे आम जनता द्वारा अपेक्षित मुद्दों को छुए बिना अन्य तरीकों से वोट खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। हमें लगता है कि हिंदू राष्ट्र की बड़ी-बड़ी बातों का मतलब है कि वे हमें बचा लेंगे, लेकिन, ये हमारी ग़लतफ़हमी है। दुनिया में कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिसे राजनीतिक नेताओं या पार्टियों ने बदल दिया हो। सरकार का काम देश चलाना है। आज 90 प्रतिशत से अधिक शासक एवं प्रशासक हिन्दू हैं। लेकिन हमें यह भी सोचना चाहिए कि क्या पिछले 75 वर्षों में सनातनी हिंदुओं के जीवन में कोई बदलाव आया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.