Kedarnath Dham: क्या आप केदारनाथ धाम जा रहे हैं? जानिए कैसे करें यात्रा और कहां ठहरें

केदारनाथ धाम के कपाट आज खुल गए हैं। अब 6 महीने तक बाबा केदारनाथ के दर्शन सिर्फ केदारनाथ में ही होंगे।

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केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) उत्तर भारत (North India) के सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों (Pilgrimage Sites) में से एक है। बर्फ (Snow) से ढकी हिमालय (Himalayas) की चोटियों (Peaks) और मंदाकिनी नदी (Mandakini River) के तट पर 3,584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह तीर्थस्थल भगवान शिव को समर्पित है और इसे 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भगवान शिव का आशीर्वाद पाने और केदारनाथ और उसके आसपास के मनोरम और मनमोहक दृश्यों का आनंद लेने के लिए लाखों पर्यटक इस तीर्थस्थल पर आते हैं।

इस प्रकार, केदारनाथ पर्यटकों के लिए आध्यात्मिकता और रोमांच का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। केदारनाथ कैसे पहुँचें केदारनाथ यात्रा के लिए, आपको देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर पहुँचना होगा और फिर हरिद्वार या ऋषिकेश से गौरीकुंड के लिए बस लेनी होगी। गौरीकुंड से, आपको केदारनाथ मंदिर तक 14 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी, जिसके लिए आप घोड़े, पालकी या हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। इस तरह केदारनाथ का नाम पड़ा पौराणिक कथा के अनुसार, देवी-देवताओं ने राक्षसों से उन्हें बचाने के लिए भगवान महादेव से प्रार्थना की थी।

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इसलिए भगवान शिव एक बैल के रूप में प्रकट हुए। इस बैल का नाम ‘कोडरम’ था। बैल में राक्षसों को नष्ट करने की शक्ति थी। बैल के खुरों और सींगों ने राक्षसों को नष्ट कर दिया, जिसे भगवान ने मंदाकिनी नदी में फेंक दिया। इसी नाम कोडारम से केदारनाथ का नाम पड़ा।

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