अब आसमान पर भारत का राज!

अब भारत और फ्रांस के बीच राफेल का संयुुक्त युद्धाभ्यास भी किया जाएगा। 19 से 25 जनवरी तक किए जानेवाले इस युद्धाभ्यास में भारत को कई तकीनीकी जानकारी भी दी जाएगी। राजस्थान के पोखरन क्षेत्र मे होनेवाले इस युद्धाभ्यास में पहली बार भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों को शामिल किया जाएगा।

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चीन से बढते तनाव के बीच भारत अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में प्रयासरत है। इसी दिशा में भारत ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। अब भारत और फ्रांस के बीच राफेल का संयुुक्त युद्धाभ्यास भी किया जाएगा। 19 से 25 जनवरी तक किए जानेवाले इस युद्धाभ्यास में भारत को कई तकीनीकी जानकारी भी दी जाएगी। राजस्थान के पोखरन क्षेत्र मे होनेवाले इस युद्धाभ्यास में पहली बार भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों को शामिल किया जाएगा। तकनीकी दृष्टि से इसे भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे राफेल की बारीकियों के बारे में भारतीय पायलटों को जानकारी मिल पाएगी।

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तीसरी खेप जल्द
इस बीच फ्रांस से करार के मुताबिक 27 जनवरी को तीन और अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। इसके वायुसेना स्कवाड्रन में शामिल होने के बाद इंडियन एयरफोर्स की आसमान में ताकत और बढ़ जाएगी।

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 फ्रांस से 36 राफेल का करार
फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से कुल 59 हजार करोड़ की लागत से 36 राफेल विमानों की खरादी का समझौता किया गया है। इन तीन विमानों को बिना रोके सीधे फ्रांस से उड़ाकर गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतारा जाएगा। इस बीच रास्ते में भारतीय और फ्रांसीसी टैंकरों की मदद से राफेल में ईंधन भरा जाएगा।

अबतक मिल चुके हैं आठ राफेल
भारत को अभी तक दो खेप में आठ राफेलो की डिलेवरी की जा चुकी है। पांच राफेल की पहली खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी। दूसरी केप में तीन राफेल जामनगर में चार नवंबर को उतरे थे। करीब चार साल पहले भारत और फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीदी के लिए 59 हजार करोड़ का अंतर सरकारी करार किया था।
पहली खेप में आए पांच विमानों को 10 सितंबर को वायुसेना में शामिल किया गया। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरके भदौरिया ने पांच अक्टूबर को कहा था कि 36 राफेल विमानों को 2023 तक सेना में शामिल कर लिया जाएगा।

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राफेल 4.5 जनरेशन का विमान
राफेल के पहले बेड़ें को जब वायुसेना में शामिल किया गया था, तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे गेम चेंजर बताया था। उनका दावा था कि राफेल के साथ वायुसेना ने टेक्नोलॉजी के स्तर पर बढ़त प्राप्त कर ली है। बता दें कि राफेल 4.5 जनरेशन का विमान है।

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