भारतीय तटरक्षक बल का स्थापना दिवसः प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं, सराहना करते हुए कही ये बात!

इंडियन कोस्ट गार्ड का ध्येय वाक्य ही इनके कार्य की पूरी जानकारी देता है। इसका ध्येय वाक्य ‘वयम् रक्षाम:’ यानी हम रक्षा करते हैं। इनकी विशेषता तैयार, तत्पर और जवाबदेही है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय तटरक्षक बल के स्थापना दिवस पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “भारतीय तटरक्षक परिवार को उनके स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं। महान सामरिक महत्व का संगठन, हमारा तटरक्षक बल पेशेवरों की एक उत्कृष्ट टीम है, जो हमारे तटों की रक्षा करते हैं और मानवीय प्रयासों में भी सबसे आगे हैं।”

भारतीय तटरक्षक की स्थापना एक फरवरी 1977 को की गई थी। इसलिए प्रति वर्ष एक फरवरी को भारतीय तटरक्षक दिवस पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिवस उन वीर जवानों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपना जीवन देश सेवा में लगा दिया।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दी जांबाजों को शुभकामनाएं
इस दिन देश के जांबाजों को याद करते हुए उनके परिश्रम और साहस को नमन कर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इंडियन कोस्ट गार्ड भारत की सबसे छोटी सशस्त्र सेना से जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएं दीं।

चौहान ने ट्वीट कियाः
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, ”’वयम् रक्षाम:’ के ध्येय वाक्य को आत्मसात कर देश की सीमाओं को अभेद्य बनाने वाले जांबाजों को #भारतीय_तटरक्षक_दिवस की शुभकामनाएं! मातृभूमि की सेवा और रक्षा के लिए मर-मिटने वाले आप जैसे वीर सपूतों से ही इस माटी का गौरव है। आप हमारे नायक हैं। आपके शौर्य, साहस और पराक्रम को प्रणाम!” इस अवसर पर सीएम शिवराज ने इंडियन कोस्ट गार्ड के उत्साह और ऊर्जा को दिखानेवाला एक वीडियो भी शेयर किया है।

डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर लिखाः
गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया ट्वीटर पर लिखा, ”समुद्री सीमाओं और तटों की रक्षा करने वाले वीर जवानों को भारतीय तटरक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। कठिनाइयों व चुनौतियों के बीच भारतीय तट को सुरक्षित करने में जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, मैं राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को सलाम करता हूं।”

इंडियन कोस्ट गार्ड का ध्येय वाक्य
इंडियन कोस्ट गार्ड का ध्येय वाक्य ही इनके कार्य की पूरी जानकारी देता है। इसका ध्येय वाक्य ‘वयम् रक्षाम:’ यानी हम रक्षा करते हैं। इनकी विशेषता तैयार, तत्पर और जवाबदेही है। इंडियन कोस्ट गार्ड भारत की सबसे छोटी सशस्त्र सेना है। इनका प्रमुख कार्य कृत्रिम द्वीपों एवं अपतटीय स्टेशनों की सुरक्षा, मछुआरों की सुरक्षा व सहायता, समुद्री पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण, तस्कर विरोधी संक्रियाओं में सीमा शुल्क विभाग एवं अन्य प्राधिकारियों की सहायता, समुद्री कानूनों को लागू करना और वैज्ञानिक आंकड़ों का संग्रह करना है।

7516.60 किलोमीटर के समुद्र तट की करता है सुरक्षा
इस आधार पर कह सकते हैं कि इंडियन कोस्ट गार्ड भारत के 7516.60 किलोमीटर के समुद्र तट की सुरक्षा करता है, जो विभिन्न राज्यों और कुछ व्यस्ततम व्यापारिक मार्गों के किलोमीटर तट को घेरता है। यह बल समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना, मत्स्य विभाग, राजस्व विभाग और केंद्र और राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर कार्य करता है।

ऐसे शुरू हुआ सफर
ऐतिहासिक संदर्भ में देखें तो समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए 1977 में दो पोतों एवं पांच गश्ती नौकाओं के साथ इंडियन कोस्ट गार्ड के स्थापना की स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके बाद 1 फरवरी, 1978 को भारत के जलीय एवं अनन्य आर्थिक क्षेत्र की निगरानी हेतु इंडियन कोस्ट गार्ड ने कार्य शुरू किया। वहीं 19 अगस्त, 1978 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने औपचारिक रूप से भारतीय तटरक्षक यानी इंडियन कोस्ट गार्ड का उद्घाटन किया था।

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 नई दिल्ली में स्थित है मुख्यालय
इंडियन कोस्ट गार्ड का नेतृत्व इसके डीजीआईसीजी करते हैं। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। अपर महानिदेशक, भारतीय तटरक्षक मुख्यालय, नई दिल्ली में बल के दूसरे शीर्ष अधिकारी होते हैं। तटरक्षक बल में दो भारतीय तटरक्षक कमांडर होते हैं जो क्रमश: पश्चिमी समुद्र बोर्ड और पूर्वी समुद्र बोर्ड की कमान संभलते हैं। इनके अतिरिक्त प्रशासनिक क्रम में कमांडर तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय, उत्तर पश्चिम का गांधीनगर, पश्चिम का मुंबई, पूर्व का चेन्नई, उत्तर पूर्व का कोलकाता और अंडमान एवं निकोबार का क्षेत्रीय मुख्यालय पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं। इनके अलावा 16 तटरक्षक जिला मुख्यालय हैं जिनमें तटरक्षक जिला कमांडर स्तर के अधिकारी होते हैं।

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