Constitution Day पर राष्ट्रपति ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का बताया लक्ष्य, लोगों से की यहल अपील

राष्ट्रपति मुर्मु ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया।

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Constitution Day: राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने 26 नवंबर को संविधान को अंगीकृत करने की 75वीं वर्षगांठ पर देशवासियों से आग्रह किया कि वे संवैधानिक आदर्शों को अपने व्यवहार में अपनाएं और अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करें और 2047 तक विकसित भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करें।

राष्ट्रपति मुर्मु ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। आज हम सभी एक ऐतिहासिक घटना के भागीदार बने हैं। 75 वर्ष पहले संवैधानिक परिषद ने संवैधानिक परिषद के इसी केंद्र में एक नव स्वतंत्र देश के लिए संविधान बनाने का एक बड़ा कार्य पूरा किया था।

संविधान निर्माताओं का किया स्मरण
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने संविधान निर्माताओं का स्मरण किया। उन्होंने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों और अधिकारियों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने महिला आरक्षण पर कानून को लोकतंत्र में महिला सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत बताया।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति हरिवंश, केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू, राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंच पर उपस्थित रहे। वहीं केन्द्रीय मंत्री, संसद सदस्य, दिल्ली स्थित मिशनों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति केन्द्रीय कक्ष में उपस्थित रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वागत भाषण किया। वहीं उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने भी दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया।

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एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का विमोचन
इस अवसर पर भारत के संविधान को अंगीकृत किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का विमोचन किया गया। इसके अलावा “भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक” और “भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा” शीर्षक से दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। भारत के संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया गया। इसके अलावा संस्कृत और मैथली भाषा में लिखित भारत के संविधान का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाते हुए एक लघु फिल्म दिखाई गई।

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