राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों की हुई हत्या की साजिश में शामिल तीन आरोपित नक्सलियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में नक्सलियों ने कई राज खोले हैं। तीनों ने घटना में संलिप्तता स्वीकार की है। इसके अलावा भी कई जानकारियां दी है। एनआईए विमल यादव से नक्सलियों के फंडिंग और हथियार सप्लाई से संबंधित जानकारी एकत्र कर रही है। एनआईए बिहार और झारखंड के कई लोगों को राडार पर लिया है। बताया गया कि इन आरोपितों में चार्जशीटेड जहानाबाद जिले के सेवानन सलेमपुर निवासी राधेश्याम यादव उर्फ विमल यादव, लोहरदगा जिले का बुलबुल गांव निवासी सूरजनाथ खेरवार उर्फ गड्डू एवं लोहरदगा के ही इचावटंड गांव निवासी बिशुन दयाल नागेशिया शामिल हैं।
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मिली जानकारी के अनुसार एनआईए की टीम ने तीनों आरोपितों को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया था। एनआईए की ओर से कहा गया कि जांच के दौरान 22 नवंबर, 2019 को लुकुआ मोड़ में वाहन गश्त ड्यूटी पर तैनात चार पुलिस कर्मियों की हत्या, उनके हथियार और गोला बारूद की लूट में तीनों आरोपितों की भूमिका सामने आई है।इस घटना को अंजाम देने के लिए भाकपा (माओवादी) के रवींद्र गंझू के नेतृत्व में एक विशेष दल का गठन किया गया था। ये सभी माओवादी चूल्हा पानी पर्वत पर पहुंचे और दो-तीन दिनों के लिए बीरजंधा जंगल में डेरा डाला और पुलिस मूवमेंट क्षेत्र की रेकी की और घटना को अंजाम दिया।
उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर, 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए आए हुए थे। लातेहार में उस दिन भाजपा की बड़ी सभा थी। 22 नवंबर की शाम को घटना को अंजाम दिया गया था।