Army: लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने थल सेना उप प्रमुख का संभाला पदभार, जानिये कौन हैं ‘वो’

महानिदेशक इन्फैंट्री के रूप में उन्होंने तीनों सेनाओं के लिए हथियारों की पूंजी खरीद का नेतृत्व किया, जिससे हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई।

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Army: लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी(Lieutenant General Upendra Dwivedi) ने 19 फरवरी को थल सेनाध्यक्ष उप प्रमुख का पदभार संभाल(Chief of Army Staff takes over as Deputy Chief) लिया है। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक(National War Memorial) पर पुष्पांजलि अर्पित की और साउथ ब्लॉक लॉन(South Block Lawn) में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर(Auard of Honour) दिया गया। थल सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल बेहद चुनौतीपूर्ण परिचालन माहौल में 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ(General Officer Commanding-in-Chief, Northern Command) के पद पर कार्यरत थे।

ऐसा रहा है करिअर
-रक्षा मंत्रालय के अनुसार सैनिक स्कूल, रीवा (मध्य प्रदेश) के पूर्व छात्र लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को 1984 में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स में नियुक्त किया गया था। उन्होंने बाद में इस इकाई की कमान संभाली। जनरल ऑफिसर को उत्तरी और पश्चिमी दोनों थिएटरों को संभालने का अनुभव है। अपने 39 वर्षों के करियर के दौरान उन्होंने देश भर में फैले चुनौतीपूर्ण परिचालन वातावरण में कमांड नियुक्तियों पर काम किया है। उन्होंने कश्मीर घाटी के साथ-साथ राजस्थान में भी अपनी यूनिट की कमान संभाली। वह उत्तर पूर्व में गहन आतंकवाद विरोधी माहौल में सेक्टर कमांडर और असम राइफल्स के महानिरीक्षक रहे हैं।

-लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं पर परिचालन भूमिका के साथ राइजिंग स्टार कोर की कमान संभाली। बाद में उन्होंने उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर बेहद चुनौतीपूर्ण परिचालन वातावरण में 2022-24 तक प्रतिष्ठित उत्तरी सेना की कमान संभाली। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन के अलावा उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर संचालन की योजना और निष्पादन के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालन निरीक्षण प्रदान किया। इस अवधि के दौरान जनरल ऑफिसर जटिल सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के साथ चल रही बातचीत में सक्रिय रूप से लगे हुए थे।

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-वह भारतीय सेना की सबसे बड़ी सेना कमान के आधुनिकीकरण और उसे सुसज्जित करने में भी शामिल थे, जहां उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के हिस्से के रूप में स्वदेशी उपकरणों को शामिल करने का नेतृत्व किया। उन्होंने राष्ट्र-निर्माण परिणामों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ तालमेल बिठाया। चुनौतीपूर्ण कमांड असाइनमेंट के अलावा लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने मुख्यालय बख्तरबंद ब्रिगेड, माउंटेन डिवीजन, स्ट्राइक कोर और इंटीग्रेटेड मुख्यालय (सेना) में महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर काम किया है। जनरल ऑफिसर ने दो विदेशी कार्यकालों में सोमालिया और सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया है।

-महानिदेशक इन्फैंट्री के रूप में उन्होंने तीनों सेनाओं के लिए हथियारों की पूंजी खरीद का नेतृत्व किया, जिससे हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। उन्होंने उत्तरी कमान में सभी रैंकों की तकनीकी सीमा को बढ़ाने की दिशा में काम किया और बिग डेटा एनालिटिक्स, एआई, क्वांटम और ब्लॉकचेन-आधारित समाधानों जैसी ‘महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों’ को आगे बढ़ाया। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने आज लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार से सेना के उप प्रमुख का पदभार संभाला। लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार को अब उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में नियुक्त किया गया है।

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